रक्षामंत्री ने देश की सुरक्षा को बताया सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, चेतक को लेकर कही ये बात

रक्षा मंत्री ने लगातार बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए रक्षा उत्पादन और तैयारियों में 'आत्म-निर्भरता' हासिल करने के सरकार के संकल्प को दोहराया।

144

रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि देश की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसकी एकता, अखंडता की रक्षा के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कई भूमिकाओं में काम आने वाले 10 टन के भारतीय हेलीकॉप्टर के डिजाइन और विकास में तेजी लाने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि हेलीकॉप्टर प्रौद्योगिकी में प्रगति हमारे रक्षा क्षेत्र के लिए प्रभावी होगी और भारत को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान मिलेगी।

भारतीय वायु सेना ने 2 अप्रैल को चेतक हेलीकॉप्टर की सेवा के 60 साल पूरे होने पर हैदराबाद के हाकिमपेट स्थित वायु सेना स्टेशन में ‘चेतक- आत्म-निर्भरता, बहुविज्ञता और विश्वस्तता के 6 गौरवशाली शतक’ विषय पर ‘यशस्वत् षट् शतकम्’ सम्मेलन आयोजित किया। इसी सम्मेलन को रक्षा मंत्री संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब भी कोई देश अपनी सुरक्षा के लिए युद्ध लड़ता है, तो इसमें केवल सशस्त्र बल ही हिस्सा नहीं लेते हैं बल्कि पूरा देश उस युद्ध में शामिल होता है। ‘चेतक’ और अन्य प्लेटफॉर्म जैसे हेलीकॉप्टर विकसित करने वाले एचएएल जैसे संगठनों के वैज्ञानिक, इंजीनियर और तकनीशियन हमारे सैनिकों के समान ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ये भी पढ़ें – उपग्रह, उल्का पिंड या मिसाइल! क्या थी आकाश से आई वह चमकती वस्तु?

युद्ध और शांति के समय में राष्ट्र की सेवा की
इतिहास में राजपूत राजा राणा प्रताप के ‘चेतक’ नाम के घोड़े की तुलना करते हुए राजनाथ सिंह ने ‘चेतक’ हेलीकॉप्टर को न केवल एक मशीन, बल्कि एक जीवंत और समर्पित इकाई बताया, जो पिछले छह दशकों से लगातार राष्ट्र की सेवा में लगकर दूसरों के लिए मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि अब तक निर्मित लगभग 700 चेतकों ने पूरे समर्पण के साथ युद्ध और शांति के समय में राष्ट्र की सेवा की है। उन्होंने इसके कई तरह के उपयोग को संयुक्तता का एक ज्वलंत उदाहरण बताया है। रक्षा मंत्री ने इस हेलीकॉप्टर की क्षमताओं के बारे में बताते हुए कहा कि ‘चेतक’ ने सटीकता के साथ दुश्मनों को निशाना बनाकर और सैनिकों को सफलतापूर्वक उतारकर युद्ध के मैदान में अपनी क्षमता साबित की है।

युद्ध में की
उन्होंने कहा कि इसने युद्ध के मैदान में आवश्यक सामान पहुंचाने में भी मदद की है। आपात स्थिति में फंसे लोगों को बचाकर कई बहुमूल्य जीवन बचाए हैं। इसने जरूरत पड़ने पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जिससे निर्णय लेने और युद्धों में जीत का मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिली है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने में ‘चेतक’ हमेशा सबसे आगे रहा है। यह पहली बार है जब कोई हेलीकॉप्टर इस मुकाम पर पहुंचा है और अपने निर्माण के 60 वर्षों के बाद भी एक अग्रणी हेलीकॉप्टर बना हुआ है। रक्षा मंत्री 1971 के युद्ध के दौरान चेतक हेलीकॉप्टर के असाधारण योगदान को याद किया।

सहायता और आपदा राहत पहुंचाने में ‘चेतक’ सबसे आगे
उन्होंने बताया कि जमीन पर अपने सैनिकों को हवाई सहायता प्रदान करने से लेकर हेली-ब्रिजिंग ऑपरेशन और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने तक ‘चेतक’ पर सवार हमारे वायु योद्धाओं ने युद्ध के दौरान अनुकरणीय साहस और दक्षता दिखाई। चेतक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल ‘मुक्ति वाहिनी’ के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए भी किया जाता था। चेतक की भूमिका को एकीकरण और संयुक्तता को बढ़ावा देने के एक शानदार उदाहरण के रूप में भी देखा जा सकता है। युद्ध में हमारी जीत को इतिहास की किताबों में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। न हमें कोई सत्ता चाहिए थी,न जमीन, न संसाधन और न ही कोई आधिपत्य। हमने वह युद्ध मानवता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ा था।

10 टन के भारतीय हेलीकॉप्टर के डिजाइन और विकास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता
रक्षा मंत्री का कहना था कि भारत ने स्वदेश में डिजाइन और विकसित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव और इसके वेरिएंट को भारत के कौशल का उदाहरण बताते हुए पांच टन की श्रेणी में हेलीकॉप्टरों के डिजाइन, विकास और संचालन में अपनी ताकत दिखाई है। उन्होंने हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को युद्ध अभियानों के लिए हल्के हेलीकॉप्टरों में देश की क्षमता का एक और उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों द्वारा संचालित हल्के उपयोगिता वाले हेलीकॉप्टर भी हेलीकॉप्टर क्षेत्र में क्षमता के बेहतरीन उदाहरण हैं। राजनाथ सिंह ने कई भूमिकाओं में काम आने वाले 10 टन के भारतीय हेलीकॉप्टर के डिजाइन और विकास में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इसे सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण जरूरत बताया और यह भी कहा कि इसमें बाजार की अपार संभावनाएं हैं।

देश में शांति, सुरक्षा और सैन्य शक्ति के बीच संबंध
रक्षा मंत्री ने लगातार बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए रक्षा उत्पादन और तैयारियों में ‘आत्म-निर्भरता’ हासिल करने के सरकार के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा सत्य,अहिंसा और शांति के मार्ग का अनुसरण किया है और किसी भी तरह की आक्रामकता का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में शांति, सुरक्षा और सैन्य शक्ति के बीच संबंध गहरे हुए हैं। इस सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य ‘चेतक’ हेलीकॉप्टर के संचालन पर प्रकाश डालते हुए देश में छह दशकों के हेलीकॉप्टर संचालन को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना था। इस अवसर पर वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, तीनों सेनाओं के हेलीकॉप्टर स्ट्रीम के वरिष्ठ सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारी और रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अधिकारी उपस्थित थे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.