अब प्रवर्तन निदेशालय पर शरद पवार को आया गुस्सा… की ऐसी टिप्पणी

महाराष्ट्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों के कार्रवाई की श्रृंखला ही चल पड़ी है। प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के जांच के दायरे अलग-अलग राजनीतिक लोग हैं।

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ से राज्य में महाविकास अघाड़ी में बहुत अशांति है। सरकार के मंत्रियों और नेताओं के विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई से राकांपा नेता शरद पवार नाराज हैं, उन्होंने अब अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र में विपक्ष को खुश करने के लिए ईडी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। ठीक है, समय आता है और चला जाता है।

ईडी का गलत उपयोग
क्या आपने पहले कभी महाराष्ट्र में ईडी जांच के इतने मामले सुने हैं? उन्होंने, पत्रकारों से ऐसा सवाल किया। ईडी एकनाथ खडसे, अनिल देशमुख, अनिल परब और प्रताप सरनाईक के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। ईडी का इस्तेमाल विरोधियों को वश में करने के लिए एक हथियार के तौर पर किया जा रहा है। ठीक है समय आता है और चला जाता है। समय बीतने के साथ इसमें संशोधन किया जाएगा, ऐसा पवार ने कहा। यह कहते हुए कि अनिल देशमुख की कानूनी लड़ाई चल रही है, उन्होंने इस मुद्दे पर आगे बात करने से परहेज किया।

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शिवसेना सांसद पर कार्रवाई गलत
अब तक हमने काफी बातें सुनी हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों में देश की जनता को ईडी नाम की एक नई व्यवस्था के बारे में पता चला है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि वह पद छोड़ने के बाद क्या करेंगे। कल वाशिम से शिवसेना के सांसद आपा खो बैठे थे। उनके तीन शिक्षण संस्थान हैं। एक उद्योग है। इन संस्थाओं का लेनदेन 20 से 25 करोड़ के दायरे में है। ईडी उन्हें परेशान कर रहा है। जहां कदाचार होता है, वहां जांच के लिए चैरिटेबल कमिश्नर होते हैं। स्कूल और कॉलेज के वित्तीय मामले उनके नियंत्रण में हैं।

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