राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस की वर्तमान राजनैतिक स्थिति को लेकर बेबाक टिप्पणी की है। उन्होंने उसे जमींदार की उस पुरानी हवेली की तरह बताया है, जिसका रखरखाव नहीं किया गया। उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा,”आज की कांग्रेस उत्तर प्रदेश के जमींदार की तरह है। जमींदार कहता है कि ये सारे हरे-भरे खेत मेरे थे। आज की स्थिति कुछ हद तक कांग्रेस की वैसी ही है।” पीएम के चेहरे को लेकर विपक्षी दलों में मतभेद है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि वे विपक्ष के पीएम पद का चेहरा हो सकते हैं। इस पर टिप्पणी करते हुए पवार ने कहा, ‘कांग्रेस नेता अपने नेतृत्व पर अलग स्टैंड लेने के मूड में नहीं हैं।’
पवार के इस बयान पर राजनीति के गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। मुंबई तक को दिए इस इंटरव्यू में राकांपा प्रमुख ने महाराष्ट्र के साथ-साथ देश भर के राजनीतिक हालात पर भी अपनी राय जाहिर की। कितने साल चलेगी ठाकरे सरकार? क्या देश में होगा महाराष्ट्र का प्रयोग? इन सवालों के साथ उन्होंने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर भी बेबाक टिप्पणी की।
जमींदार की तरह है कांग्रेस की हालत
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस नेतृत्व में अभी भी अहंकार की भावना है, पवार ने उदाहरण देते हुए कहा, ”मैंने एक कहानी सुनाई थी। उत्तर प्रदेश में जमींदार हैं। गांव में उनकी हवेली है। भूमि सीमा अधिनियम आया और जमीन उनके पास से चली गई। लेकिन हवेली जस की तस है। लेकिन जमींदारों के पास हवेली की मरम्मत करने की ताकत नहीं है। एक हजार एकड़ जमीन अब 15-20 एकड़ में सिमट गई है। वह रोज सुबह उठता है और हवेली से बाहर निकलकर देखता है। उसे अपने चारों ओर हरी-भरी फसल दिखाई देती है। वह कहता है कि यह सब हरी-भरी फसल मेरी थी। यह मेरा था। लेकिन अब उसका नहीं है।”
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कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैली थी कांग्रेस
क्या इसका मतलब यह हुआ कि कांग्रेस के हालात वीरान गांव जैसे हो गए हैं? इस लवाल पर पवार ने कहा, ”मैं यह नहीं कह रहा हूं। एक जमाने में कांग्रेस कश्मीर से कन्याकुमारी तक थी। लेकिन वह थी, है नहीं। यह स्वीकार किया जाना चाहिए। उसके बाद विपक्षी मोर्चे की बात शुरू होगी।”
कांग्रेस अभी भी एक प्रासंगिक पार्टी
पवार ने कहा कि कांग्रेस आज भी प्रासंगिक पार्टी है। यह पूरे देश में फैली हुई है। यूपीए जैसा प्रयोग केवल इसलिए किया गया क्योंकि लोकसभा में कांग्रेस के पास 150 की ताकत थी। लेकिन आज कांग्रेस के पास केवल 40 सीटें हैं।