बृहन्मुंबई महानगरपालिका प्रशासन ने 30 दिसंबर को मनपा के मुख्यालय में सभी राजनीतिक दलों के कार्यालयों को सील कर दिया है। बीएमसी के आयुक्त इकबाल चहल के आदेश के बाद मुंबई मनपाकर्मियों ने सभी पार्टी के कार्यालयों पर नोटिस चस्पा कर दिया है। वहीं इस कार्रवाई का विरोध करते हुए शिवसेना (उबाठा) के पूर्व पार्षद आयुक्त चहल के चेंबर के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिवसेना के दोनों गुट आ गए थे आमने-सामने
जानकारी के अनुसार 28 दिसंबर को बालासाहेब की शिवसेना की प्रवक्ता शीतल म्हात्रे मुंबई मनपा में स्थित शिवसेना कार्यालय में घुस गयी थीं। उन्होंने इस कार्यालय पर अपना दावा जताना शुरू कर दिया था। शीतल म्हात्रे ने कहा कि यह कार्यालय उनका भी है। इसके बाद शिवसेना के दोनों गुटों में इस कार्यालय को लेकर विवाद पैदा हो गया था। इसलिए प्रशासन ने पुलिस का सहयोग लेकर मामले को शांत किया था। इसके बाद 29 दिसंबर को आयुक्त ने मुख्यालय में सभी पार्टी के कार्यालयों को सील करने का आदेश जारी किया है।
मुंबई मनपा के सभी पार्षदों का कार्यकाल समाप्त
इस समय मुंबई मनपा के सभी पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो गया है इसलिए आगामी चुनाव होने तक मुंबई में कोई भी वर्तमान पार्षद नहीं है। इसलिए आयुक्त का निर्णय जायज बताया जा रहा है। वहीं, शिवसेना उबाठा के नेता विनायक राऊत ने आरोप लगाते हुए कहा कि आयुक्त ने यह कार्रवाई राज्य सरकार के इशारे पर की है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यालय में बैठकर जनहित के काम किए जाते हैं। इसलिए पार्टी कार्यालयों को सील करना ठीक नहीं है। उन्होंने आयुक्त पर जनहित विरोधी काम करने का आरोप लगाया।