इस मामले में शिवराज सिंह चौहान ने डॉ रमन सिंह को पीछे छोड़ा! पहले से भी दर्ज हैं कई रिकॉर्ड

शिवराज चौहान मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते नेता हैं। इससे पहले अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

104

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो गई है। उन्होंने सबसे लंबे समय तक भाजपा के मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। अब तक यह रिकॉर्ड छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नाम था। डॉ रमन 15 साल 10 दिन तक मुख्यमंत्री पद पर रहे थे। 17 मार्च 17 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहते 15 साल 11 दिन पूरे कर लिए।

पवन चामलिंग के नाम यह रिकॉर्ड बरकार
सभी पार्टियों की बात करें तो सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के नाम भारत के इतिहास में किसी भी राज्य में सबसे अधिक समय 25 साल तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड हैं। चामलिंग वर्ष 1994 से वर्ष 2019 तक लगातार पांच बार मुख्यमंत्री चुने गए। उन्होंने पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु का रिकॉर्ड तोड़ा था। इसके बाद देश में सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहने के मामले में ओडिशा के नवीन पटनायक का नम्बर आता है। पटनायक वर्ष 2000 से इस पद पर बरकरार हैं। उनके बाद बिहार के नीतीश कुमार और नगालैंड के एन रियो का नंबर आता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इनके करीब पहुंच गए हैं।

चौहान को यह उपलब्धि प्राप्त
गौरतलब है कि शिवराज चौहान मध्य प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते नेता हैं। इससे पहले अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर 2005 को पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। तब से 2018 तक लगातार वे तीन बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में उलटफेर हुआ और कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आ गई। हालांकि, कमलनाथ की सरकार 15 महीने में ही गिर गई। इसके बाद भाजपा ने पुनः सरकार बनाई और शिवराज सिंह चौहान ने 20 मार्च 2020 को प्रदेश में चौथी बार शपथ लेकर मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

जन्म, शिक्षा और राजनीति
शिवराज सिंह चौहान किराड़ राजपूत परिवार से आते हैं। उनका जन्म 5 मार्च, 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में किसान परिवार में हुआ। 1992 में उनका विवाह साधना सिंह से हुआ और उनके दो बेटे हैं। उनके पिता प्रेम सिंह चौहान एक किसान थे शिवराज भोपाल के बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी से एमए में दर्शनशास्त्र से गोल्ड मेडलिस्ट हैं। चौहान छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे हैं। वह 1975 में मॉडल स्कूल स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष चुने गए थे। 1975-76 में इमरजेंसी के खिलाफ अंडग्राउंड आंदोलन में हिस्सा लिया था। 1976-77 में आपातकाल के दौरान वे जेल भी गए। वर्ष 1977 से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। साथ ही लम्बे समय तक पार्टी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से भी जुड़े रहे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.