बदलेगा हबीबगंज… ऐसा है जनजातीय समाज के लिए मध्य प्रदेश का मास्टर कार्ड

मध्य प्रदेश सरकार एक विस्मृत नाम को पुनर्जीवित करने जा रही है। इसके लिए एक स्टेशन का नाम बदलकर उसे जनजातीय रानी के नाम करने का प्रस्ताव है।

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मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उसने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की बिनती की है। शिवराज सिंह सरकार का प्रस्ताव है कि इस क्षेत्र की 18वीं सदी की गोंड रानी कमलापति के नाम पर हबीबगंज का नामकरण किया जाए। जनजातीय गौरव दिवस के पहले इसे सरकार का मास्टर कार्ड कहा जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में, राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि उसका अनुरोध भारत सरकार के उस निर्णय के अनुसार है जिसमें 15 नवंबर को श्रद्धेय आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की याद में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

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कौन थीं रानी कमलापति जिनके नाम होगा हबीबगंज!
रानी कमलापति गिन्नौरगढ़ के मुखिया निजाम शाह की विधवा गोंड शासक थीं। गोंड समुदाय में 1.2 करोड़ से अधिक आबादी वाला भारत का सबसे बड़ा आदिवासी समूह शामिल है।

 

प्रधानमंत्री के हाथों होना है उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को 100 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्विकसित किये गए स्टेशन का लोकार्पण करेंगे, इसी दिन से राज्य सरकार भारत में अनुसूचित जनजातियों के लिए समर्पित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम का प्रारंभ करने जा रही है, जो एक सप्ताह के उत्सव के रूप मनाया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि स्टेशन का नाम बदलने से रानी कमलापति की विरासत और बहादुरी का सम्मान होगा।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर का प्रस्ताव अमान्य
भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर उसे पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का नाम देने की मांग की थी। इसके एक दिन बाद राज्य सरकार ने स्टेशन का नाम रानी कमलापति स्टेशन करने का निर्णय लिया।

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