इकोनॉमी बूस्ट अप के लिए चार का दम – वित्त मंत्री की घोषणा

कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव छोड़ा है। इस वित्त वर्ष की पहली यानी जून तक देश की जीडीपी में करीब 24 प्रतिशत की ऐतिहासिक गिरावट आई थी। इसे फिर प्रगति के मार्ग पर दौड़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार दूसरा राहत पैकेज लेकर आई है।

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भारत की इकोनॉमी को फिर ढर्रे पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने दूसरे राहत पैकेज की घोषणा की है। जिसके जरिये केंद्र, राज्य सरकार और सरकारी विभाग इन तीनों को लक्ष्यित करके घोषणाएं की गई हैं। हालांकि इस घोषणा में आम आदमी सीधे तौर पर लाभान्वित नहीं होगा। लेकिन अर्थव्यवस्था को फिर से पुरानी राह पर लाने के लिए ये आवश्यक बिंदु माना जा रहा है।

कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव छोड़ा है। इस वित्त वर्ष की पहली यानी जून तक देश की जीडीपी में करीब 24 प्रतिशत की ऐतिहासिक गिरावट आई थी। इसे फिर प्रगति के मार्ग पर दौड़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार दूसरा राहत पैकेज लेकर आई है। इसमें लोगों की परचेजिंग पॉवर बढ़ाने के लिए जेब तक पैसा पहुंचाने का प्रयत्न केंद्र सरकार ने किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चार कदमों का ऐलान किया, जिनसे अर्थव्यवस्था को तेजी मिलने की उम्मीद है।

चार कदम भरेंगे अर्थव्यवस्था में दम
वित्त मंत्री के अनुसार इकोनॉमी में मांग बढ़ाने के लिए कुल चार कदम उठाये गए हैं।
1. सरकारी कर्मचारियों के एलटीसी के बदले कैश वाउचर्स
2. कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस देना
3. राज्य सरकारों को 50 साल के लिए बिना ब्याज ऋण
4. बजट में तय पूंजीगत व्यय के अलावा केंद्र सरकार द्वारा 25 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करना

जेब में पैसा भरकर बढ़ा रहे मांग
दूसरे राहत पैकेज के तहत जिन चार कदमों को कार्यरत किया जा रहा है। उससे लोगों की जेब में पैसे पहुंचेंगे जिससे जरूरतों के अनुसार लोग त्यौहारी मौसम में खरीददारी कर सकेंगे। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इससे 31 मार्च 2021 तक करीब 73 हजार करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी। ऐसे में यदि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारियों को राहत देता है तो इकोनॉमी में कुल मांग 1 लाख करोड़ रुपये के पार हो सकती है।

सरकारी कर्मियों को कैश वाउचर्स
सरकारी कर्मचारियों के लिए यात्रा अवकाश रियायत की कैश वाउचर्स स्कीम सरकार लेकर आई है। इसके तहत सरकारी कर्मचारी को नकद वाउचर मिलेगा जिससे वो खर्च कर सकेंगे और इससे अर्थव्यवस्था में भी बढ़त होगी। इसका लाभ पीएसयू और सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों को भी मिलेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि इससे केंद्र और राज्य कर्मचारियों के खर्च के द्वारा करीब 28 हजार करोड़ रुपये की मांग इकोनॉमी में पैदा होगी।

फेस्टिवल एडवांस स्कीम
वित्त मंत्री ने बताया कि फेस्टिवल एडवांस स्कीम को फिर एक बार सिर्फ इसी साल के लिए शुरू किया जा रहा है। यह योजना छठे वेतन आयोग तक लागू थी, लेकिन सातवें वेतन आयोग में इसे खत्म कर दिया गया था। इसके अंतर्गत 10 हजार रुपये का एडवांस सभी कर्मचारियों को मिलेगा, जिसे वे 10 किस्त में वापस कर सकते हैं। यह 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध रहेगा। यह प्रीपेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा।

राज्यों को ब्याज रहित ऋण
राज्यों की पूंजी में बढ़ोत्तरी के लिए 50 साल की आवधि तक का ब्याज रहित लोन राज्यों को दिया जाएगा। यह ऋण 31 मार्च 2021 से पहले दिया जाएगा। जो कि राज्यों को पहले से मिल रहे लोन के अतिरिक्त होगा।

* 12 हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए दिया जाएगा।
इसके तीन हिस्से होंगे
* 2,500 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर, उत्तराखंड और हिमाचल को दिए जाएंगे।
* 7,500 करोड़ रुपये अन्य राज्यों को वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक दिए जाएंगे।
* 2,000 करोड़ रुपये आत्मनिर्भर भारत के सुधारों लागू करनेवाले राज्यों दिया जाएगा।

बढ़ा कैपिटल एक्सपेंडीचर बजट
वित्त मंत्री ने बताया कि इस साल बजट में तय केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय के अलावा सरकार अतिरिक्त 25,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह खासकर सड़क, डिफेंस संबंधी बुनियादी ढांचा, जलापूर्ति, शहरी विकास, डिफेंस के देश में बने कैपिटल इक्विपमेंट के लिए होगा।

20 लाख करोड़ रुपए का था पहला राहत पैकेज
मई में केंद्र सरकार करीब 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान कर चुकी है। पीएम मोदी ने खासतौर से रुचि लेते हुए लगातार बैठकें की थीं और इकोनॉमी को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ का पैकेज लाने का ऐलान किया था।

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