महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे अयोध्या जाएंगे। उनकी यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी शुरू हो गई हैं। इस यात्रा का प्रबंधन कार्य राज ठाकरे के विश्वसनीय बाला नांदगावकर के जिम्मे सौंपा गया है। कुल 9 दिनों की यह यात्रा होगी। इस यात्रा को मनसे के ध्वज के रंग और उसके विचारों में साम्यता दर्शाने का प्रयत्न माना जा रहा है जो पार्टी के पुनर्निर्माण में ‘संजीवनी’ हो सकती है।
राज ठाकरे की महाराष्ट्र निर्माण सेना (मनसे) का इंजन बुलेट ट्रेन की गति से दौड़ने की तैयारी में है। इसके लिए पार्टी प्रमुख ने नए ट्रैक एक वर्ष पहले से ही बिछाने शुरू कर दिये थे। इसकी पहली कड़ी थी पार्टी के ध्वज का रंग बदलना। इसके बाद अब खबर है कि राज ठाकरे नौ दिनों की अयोध्या यात्रा पर जाएंगे। यह यात्रा 1 मार्च से शुरू होगी जो 9 मार्च तक चलेगी।
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ध्वज के रंग को मिलेगी सार्थकता?
9 मार्च 2006 को मनसे की स्थापना हुई थी। इस समय ध्वज का रंग नीला, भगवा, और हरा था। जिसके बारे में तब कहा गया था कि यह पूर्ण समाज के प्रतिनिधित्व का प्रतीक है। लेकिन लगभग 13 वर्षों तक जनता में दौड़ने का बाद मनसे मराठियों की पसंद अवश्य है लेकिन उसके मतों में गिरावट लगातार जारी है। जिसके बाद मनसे के ध्वज का रंग 23 जनवरी, 2020 को भगवा कर दिया गया। नए ध्वज के मध्य भाग में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा है। यह तारीख मनसे के लिए बहुत खास है। इसका खुलासा आगे करेंगे। लेकिन अब बात मनसे के ध्वज के रंग के विषय में… तो झंडे का रंग और अयोध्या कूच का निर्णय पार्टी के लिए संजीवनी लाने जैसा है। एक साल पहले झंडे को भगवा रंग देने के बाद अब अयोध्या की यात्रा पार्टी के हिंदू विचारों की ओर अग्रसर होने की भावना को सार्थकता देने का प्रयास है।
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23 जनवरी 2020 मनसे के लिए विशेष
इस दिन की विशेषता मनसे के लिए बहुत है। इस दिन पार्टी में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये थे। पहला निर्णय पार्टी ने ध्वज के रंग को बदल कर दिया तो दूसरा निर्णय था कि इस दिन राज ठाकरे के पुत्र अमित राज ठाकरे ने आधिकारिक रूप से पार्टी में नेता का पद ग्रहण कर लिया।
ध्वज का भगवा रंग ‘ठाकरेशाही’ के कट्टर हिंदुत्व वाले पुराने विचारों की ओर लौटने का प्रतीक माना जा रहा है। जबकि राज ठाकरे की नई पीढ़ी का सक्रिय होना पार्टी के कार्यों को विस्तार देने की योजना की प्रतीक है।
झंडा भगवा क्यों?
राज ठाकरे राजनीति में अपनी सधी हुई शैली के जाने जाते हैं। जब महाराष्ट्र में शिवसेना ने अपनी धुर विरोधी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई तो कहीं न कहीं उसका हिंदुत्व वाला एजेंडा धूमिल होता प्रतीत होने लगा। ऐसे में मनसे द्वारा अपने ध्वज का रंग बदलना हिंदुत्व की उस लाइन को अंगीकार करने जैसा है। हालांकि, इसके बारे में मनसे की ओर से कभी कुछ नहीं कहा गया लेकिन, राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार सरकार बनाने के नए समीकरणों के कारण शिवसेना का हिंदुत्व एजेंडा कुछ दरकता प्रतीत हो रहा था। इसके कारण जो हिंदू मतदाता भटकाव पर हैं उन्हें अपनी और लाकर भी मनसे अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।
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ये है मनसे की पुनर्निर्माण योजना
महाराष्ट्र की 10 महानगरपालिकाओं में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। जिसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने जिन मनपा में अच्छा प्रदर्शन पहले किया था वो भी सम्मिलित हैं। इसकी तैयारी के लिए मनसे ने बड़ी योजना बनाई है जो इस प्रकार है…
- शुरू होगा सदस्य पंजीकरण
9 फरवरी से 12 फरवरी के मध्य मनसे नए सदस्यों के लिए पंजीकरण अभियान चलाएगी। 9 मार्च को पार्टी का स्थापना दिवस है जिस दिन राज ठाकरे जनसभा को संबोधित करते हैं। इस बार नए सदस्यों को महाराष्ट्र सैनिक के रूप में पहचान पत्र दिया जाएगा। - अब सेवा करेंगे राजदूत
मनसे अब अपने गट अध्यक्षों को राजदूत का बिल्ला प्रदान करेगी। ये राजदूत जनहित के कार्यों को सीधे जनता तक ले जाने और उनकी समस्याओं को सुनकर इसका हल ढूंढने के लिए जिम्मेदार होंगे। राजनीति से बाहर रहनेवालों लोगों को जानकारियां मिलें व इनमें से ही शहर के विकास के लिए कार्य करने के इच्छुक लोगों को राज ठाकरे के हस्ताक्षर वाला पत्र दिया जाएगा। - मनपा स्तर पर कमेटी
महानगर पालिकाओं में चुनाव होने हैं। इसके पहले मनसे पालिका स्तर पर कमेटी बनाएगी। इस योजना पर चर्चा के लिए हुई बैठक में मनसे के नेता बाला नांदगावकर, अविनाश अभ्यंकर, गजानन काले समेत कई नेता उपस्थित थे। इस योजना पर कार्य के लिए राज्यस्तरीय कोर कमेटी बनेगी। - राजभाषा दिन
27 फरवरी 2021 मराठा राजभाषा दिवस के रूप में इस बार विशेष तौर पर मनाया जाएगा। यह मराठी साहित्यकार कुसुमाग्रज की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। इस बार मुंबई के अलावा राज ठाकरे आसपास के शहरों में होनेवाले कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकते हैं।