सोशल मीडिया पर रोहिंग्या पर राड़ा, चंद घंटों में ही बैकफुट पर आई केंद्र सरकार! घुसपैठियों का बताया नया ठिकाना

रोहिंग्या मुसलमानों पर हमदर्दी दिखाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय का स्पष्टीकरण आया है।

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रोहिंग्या मुसलमानों को दिल्ली में बने आर्थिक रूप से अक्षम लोगों के फ्लैट में रखे जाने का ट्वीट केंद्रीय आवास, शहरी मामलों और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया था। जिसके बाद हिंदू हितों का विचार करनेवालों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है। इस निर्णय की गंभीरता को केंद्र सरकार ने जल्द ही पहचान लिया और मात्र कुछ ही घंटों में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एक निर्णय आया कि, रोहिंग्या मुसलमानों को फ्लैट में नहीं डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा।

इक्कजुट्ट जम्मू के अध्यक्ष अंकुर शर्मा ने तो सीधे केंद्र सरकार को घेरा है।

देश के विरुद्ध काम कर रहा है राज्य, रोहिंग्या/बांग्लादेशी (लैंड जिहाद के दलाल) अब प्रथमिकता हैं।

शाहीन बाग के इस्लामियों की तृप्ति के लिए ही संशोधित नागरिकता कानून के नियमों को अंतिम रूप अब तक नहीं दिया है।

परिणाम पाकिस्तान/बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित हिंदू/सिखों के लिए भारत में कोई स्थान नहीं है।

सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और सूचना अधिकार कार्यकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने तो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के लक्ष्य को आकर्षित करता एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, अमेरिका चीन सिंगापुर में घुसपैठियों की संपत्ति जप्त करके उन्हें 10 से 20 वर्ष की सजा दी जाती है। ऐसा कानून हम कब बनाएंगे?

प्रखर हिंदू शेफाली वैद्य ने लिखा है, पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थियों का क्या है, जो टेन्ट में बिना पानी, बिजली और शौचालय जैसी सुविधाओं के वर्षों रहते रहे हैं? कोई मानवतावादी विचार उनके लिए?

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