महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन है? अगर कोई ऐसा सवाल पूछता है तो आप कहेंगे,उद्धव ठाकरे। आप ये भी सोच सकते हैं, कि क्या यह सवाल पूछने लायक है? अगर आप किसी स्कूली बच्चे से पूछ भी लें तो वह झट से जवाब देगा। लेकिन इस सवाल के पूछने का कारण है। राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार के मंत्रियों के बीच जारी कलह के चलते अब खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी सवाल करने लगे हैं कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन है?
बैठक में क्या हुआ था?
राज्य के राहत एवं पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने 3 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के 18 जिलों को अनलॉक करने की घोषणा की थी। इससे पहले हुई बैठक में सीएम ने कहा था कि जिलों को अनलॉक करने के बारे में अभी घोषणा नहीं करना है। पहले इस बारे में विस्तार से जानकारी लेना जरुरी है। लेकिन पत्रकारों के आग्रह पर विजय वडेट्टीवार खुद को रोक नहीं सके और बैठक की सारी बातें उससे शेयर कर दी। वडेट्टीवार ने मीडिया को बताया कि प्रदेश के 18 जिलों को 4 जून से अनलॉक कर दिया जाएगा।
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और सीएम नाराज हो गए
वडेट्टीवार की इस घोषणा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से यह बताया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण पूरी तरह थमा नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कुछ जगहों पर संक्रमण बढ़ रहा है। कोरोना वायरस के घातक और बदलते स्वरूप को देखते हुए यह देखा जाना बाकी है कि प्रतिबंधों में ढील दी जाए या नहीं। इसलिए, राज्य में लॉकडाउन अभी तक नहीं हटाया गया है। लेकिन वड्डेटीवार समझे बयान बहादुर, सो उन्होंने मीडिया के सामने सब बातें उगल दीं। इससे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बहुत नाराज हो गए। पता चला है कि उन्होंने वडेट्टीवार से पूछा,’मुख्यमंत्री कौन है, आप या मैं?’ सीएम की इस फटकार के बाद विजय वडेट्टीवार ने तुरंत अपने बयान से यू-टर्न ले लिया।
वडेट्टीवार का यू टर्न
सीएम की नाराजगी के बाद यू टर्न लेते हुए वडेट्टीवार ने कहा,’आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में महाराष्ट्र अनलॉक को 5 चरणों मे सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया है। एचडीएमए ने पांच चरण तय किए हैं, इसे मंजूरी मिल गई है। लॉकडाउन लादना सरकार का उद्देश्य नहीं है। जिन इलाकों में लोगों ने सहयोग किया, वहां लॉकडाउन में छूट देने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही वडेट्टीवार ने यह भी कहा कि अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा लिया जाएगा।’
सीएम ने पहले भी लगाई थी फटकार
यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री ने सरकार के बयान बहादुर मंत्रियों को फटकार लगाई है। इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक मंत्री के बयान से पैदा हुए विवाद पर नाराजगी जताई थी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने नेताओं और मंत्रियों को कड़े शब्दों में फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था,’विवादित बयान देने वाले नेताओं को मुंह बंद रखना चाहिए। हमें सार्वजनिक रूप से अनावश्यक बयानों से बचना चाहिए। ऐसे बयान न दें,जिससे सरकार में दरार पड़े। इतने सख्त शब्दों में चेतावनी देने के बावजूद महाविकास आघाड़ी के बयान बहादुर मंत्रियों पर कोई असर नहीं पड़ता और चर्चा में बने रहने के लिए वे कई बार बेतुके बयान भी देते रहते हैं।