पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के जन्म दिन से एक दिन पहले जयपुर में उनके समर्थक बड़ी संख्या में जुटने की तैयारी कर रहे हैं। सचिन पायलट का जन्म दिन सात सितंबर को है, लेकिन इस बार समर्थकों से मिलने का कार्यक्रम छह सितंबर को रखा गया है। सात सितंबर से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शुरू हो रही है, इसलिए पायलट उसमें शामिल होने कन्याकुमारी जाएंगे। इस वजह से जन्म दिन से एक दिन पहले समर्थकों से मिलने का कार्यक्रम तय किया गया है। बदले हालात के बीच इस बार पायलट के जन्म दिन पर जुटने वाली भीड़ के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
खुलकर खेलने का मौका
कोरोना काल के दाे साल बाद इस बार भीड़ जुटाने पर कोई पाबंदी नहीं है, इसलिए पायलट समर्थक बड़ी तादाद में जुटने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले साल कोरोना काल की पाबंदियों के बीच ही पायलट ने अपने समर्थकों से सिविल लाइंस बंगले के बाहर मुलाकात की थी। इस बार सचिन के जन्मदिन पर बड़े आयोजन की तैयारी है। प्रदेश भर में रक्तदान और पौधरोपण के कार्यक्रमों की तैयारी की जा रही है। हर जिले में पायलट समर्थक जन्मदिन पर कार्यक्रम करने जा रहे हैं।
दो साल से कोई पद नहीं
पिछले दो साल से ज्यादा समय से सचिन पायलट के पास कोई पद नहीं है। बताया जाता है कि सुलह कमेटी की सिफारिशों में तय फार्मूला के हिसाब से हाईकमान ने उन्हें सम्मानजनक जिम्मेदारी देने का आश्वासन दिया हुआ है, पायलट समर्थकों को अब उसी का इंतजार है। सरकार में हुई राजनीतिक नियुक्तियों में कई पायलट समर्थकों को जगह दी गई है। पिछले साल मंत्रिमंडल विस्तार-फेरबदल में भी उनके समर्थकों को जगह दी गई है। सचिन पायलट के जन्मदिन पर होने वाले कार्यक्रमों का सियासी महत्व उनकी टाइमिंग की वजह से है। इसी महीने 22 सितंबर से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही प्रक्रिया शुरू हो रही है।
पायलट का पलटवार
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर कौन चेहरा आता है, इसे लेकर राजस्थान कांग्रेस में भी सियासत गरमाई हुई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर सीएम अशोक गहलोत के नाम की सियासी हलकों में चर्चाएं हैं। गांधी और गैर गांधी अध्यक्ष के फार्मूला पर फैसला होने का राजस्थान कांग्रेस की सियासत पर भी असर होगा। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही पायलट ग्रुप भी सक्रिय हो गया है। सचिन के समर्थक विधायकों ने जहां उन्हें सीएम बनाने की मांग तेज कर दी है। वहीं, पायलट ने 31 अगस्त को कहा कि हाईकमान को निर्देश तो सभी को मानना होगा। गहलोत का नाम बीते कुछ समय से कांग्रेस अध्यक्ष के लिए उछाला जा रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री इशारों-इशारों में राजस्थान नहीं छोड़ने की बात कहते रहे हैं। ऐसे में पायलट ने पलटवार करते हुए कहा कि हाईकमान का निर्देश तो सभी को मानना होगा।