किसान आंदोलनः प्रधानमंत्री राज्यपाल में से ‘सत्य’पाल कौन?

कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के खिलाफ कई बार बयान दे चुके मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक और बयान दिया है। उनके इस बयान से विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है।

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मेघालय के राज्पाल सत्यपाल मलिक ने एक बयान देकर जहां भारतीय जनता पार्टी को नाराज करने का काम किया है, वहीं विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और अवसर दे दिया है। राज्यपाल मलिक ने अपने बयान में दावा किया है कि किसानो के मुद्दे पर जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए तो उनमें झगड़ा हो गया।

सत्यपाल मलिक ने कहा, “जब मैं कृषि कानूनों पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया, तो पांच मिनट में हममें झगड़ा हो गया।

क्या वे लोग मेरे लिए मरे?
2 जनवरी को हरियाणा के दादरी में एक सामाजिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा, ‘जब मैं किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मिला, तो पांच मिनट के भीतर मेरी उनसे बहस हो गई। उन्हें किसान कानूनों पर बहुत घमंड था। जब मैंने उन्हें बताया कि इस आंदोलन में 500 किसान मर गए हैं तो प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या वे मेरे लिए मरे हैं? इसके बाद ही हमारा झगड़ा हो गया।

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पद का लालच नहीं
लगातार केंद्र सरकार की आलोचना करने वाले सत्यपाल ने साफ कर दिया है कि उन्हें अपने पद से हटाए जाने का डर नहीं है। मेघालय का राज्यपाल बनने से पहले उन्हें जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ गोवा का भी राज्यपाल रह चुके हैं।

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