एमसीडी चुनावः कम मतदान के कारण तलाशने में जुटे राजनीतिक दल और चुनाव आयोग

बताया जा रहा है कि परिसीमन की वजह से बूथ बदलने, मतदाता सूचियों में नाम न मिलने और पोलिंग स्टेशन पर कुछ अव्यवस्था की वजह से ज्यादातर वार्डों में परेशानी हुई।

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दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 250 वार्डों के लिए 4 दिसंबर को हुए मतदान के जरिए जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। मतदान प्रतिशत सबके लिए चौंकाने वाला रहा क्योंकि इससे पहले वर्ष 2017 में जब एमसीडी चुनाव हुए थे, उस समय से भी तीन फीसदी कम वोट इस बार मतदाताओं ने डाले। मतदान कम होने के कारणों की पड़ताल राज्य निर्वाचन आयोग करने में जुट गया है। वहीं भाजपा और आम आदमी पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दल भी इसकी समीक्षा कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि परिसीमन की वजह से बूथ बदलने, मतदाता सूचियों में नाम न मिलने और पोलिंग स्टेशन पर कुछ अव्यवस्था की वजह से ज्यादातर वार्डों में परेशानी हुई। मतदाता इस तरह उलझे की कुछ वोट डालने की उम्मीद में इधर-उधर भटके तो अधिकांश बिना वोट डाले ही मतदान केंद्र से वापस लौट गए। चुनाव नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे। 250 वार्डों में कुल 50.47 फीसदी मतदान हुआ, जो 2017 के मुकाबले लगभग 3 फीसदी कम है। जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।

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