विपक्षी दलों ने 17 जुलाई को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गोवा की पूर्व राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा को संयुक्त तौर पर विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।
विपक्षी दलों के नेताओं ने 17 जुलाई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार के घर पर बैठक की। इस बैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने एक प्रेस वार्ता कर अपने उम्मीदवार की घोषणा की। उनका मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से होगा।
पवार ने बताया
शरद पवार ने प्रेस वार्ता में बताया कि गैर भाजपाई राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से उपराष्ट्रपति पद के लिए मार्ग्रेट अल्वा का नाम उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर तय किया है। 17 राजनीतिक दलों ने अल्वा का सीधा समर्थन किया है। इसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, आरजेडी, शिवसेना, टीआरएस, आरएसपी और वाम दल प्रमुख हैं।
ममता से नहीं हो पाया संपर्क
पवार ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस नेत्री ममता बनर्जी से भी समर्थन के लिए संपर्क साधा था लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो पाईं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी संपर्क साधा गया है और उम्मीद है कि जल्द ही उनकी आम आदमी पार्टी विपक्ष के नेता को समर्थन की घोषणा करेगी। पवार ने बताया कि विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर मार्ग्रेट अल्वा 19 जुलाई को नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।
इन राज्यों में राज्यपाल रह चुकी हैं मार्ग्रेट अल्वा
मार्ग्रेट अल्वा गोवा, गुजरात, राजस्थान और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। वह पूर्व में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं। वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की संयुक्त सचिव रही हैं। उनकी सास वायलेट अल्वा 1960 के दशक में राज्यसभा की उपसभापति थीं।