गृह मंत्री अमित शाह 26 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के बाद पूर्वोत्तर के प्रमुख राज्य असम के दौरे पर थे। 27 दिसंबर की सुबह उन्होंने असम के प्रसिद्ध कमाख्या मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। इस दौरान असम के मुख्यमंत्री सर्बदानंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा भी उनके साथ थे। मां कमाख्या के दर्शन करने के बाद वे गुवाहाटी से मणिपुर की राजधानी इम्फाल पहुंचे। यहां शाह ने कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस दौरान शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। इस मौके पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भी मौजूद थे।
Assam: Union Home Minister Amit Shah, Chief Minister Sarbanand Sonowal and State Health Minister Himanta Biswa Sarma visit Khamakhya Temple in Guwahati. pic.twitter.com/uEEMevAeaQ
— ANI (@ANI) December 27, 2020
शाह के मणिपुर के इस दौरे का राजनैतिक रुप से भी काफी महत्व है, क्योंकि 2022 में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं। उनके आगमन पर सबसे अच्छी बात यह रही कि किसी भी संगठन ने उनका विरोध नहीं किया। ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी केंंद्रीय गृह मंत्री के आगमन का किसी भी संगठन ने विरोध नहीं किया।
Foundation stone laying ceremony of various development projects in Imphal, Manipur https://t.co/QH3zp5MDRg
— Amit Shah (@AmitShah) December 27, 2020
ये भी पढ़ेंः संकटों से सबक!
शाह की कही गईं खास बातें
- कांग्रेस सिर्फ शिलान्यास करती है, कभी कोई योजना पूरी नहीं करती, लेकिन बीजेपी न सिर्फ योजनाएं शुरू करती है, बल्कि उसका उद्घाटन भी करती है।
- मणिपुर की कानून-व्यवस्था की हमेशा चर्चा में रहती थी। हमेशा यहां बंद और प्रदर्शन होते रहते थे, लेकिन बीजेपी सरकार बनने के बाद मणिपुर बंद नहीं होता। अब मणिपुर विकास के पथ पर अग्रसर है। यहां बाढ़ का पानी भर जाता था, लेकिन अब विकास की बाढ़ आ रही है। पिछले तीन साल में मणिपुर का चेहरा बदल गया है।
- मणिपुर नक्सलवाद के लिए जाना जाता था। एक-एक कर सारे नक्सलवादियों ने हथियार डाल दिए हैं। मणिपुर में हिंसा कम हुई है, जो क्सलवादी बचे हैं, वे जल्द ही मेन स्ट्रीम में आ जाएंगे।
- नॉर्थ ईस्ट को हर साल 89168 करोड़ रुपये दिए जाते थे, लेकिन हमने इसे बढ़ाकर सालाना 313375 करोड़ रुपये कर दिया है।
- मणिपुर में सेंट्रल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और फॉरेंसिक कॉलेज बनेंगे। मणिपुर में 1186 स्टार्टअप्स शुरू हुए हैं, जो एक बड़ी कामयाबी है।
- साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दोनों हाथ मजबूत होने चाहिए और नॉर्थ ईस्ट दूसरा हाथ है। अब यह हाथ मजबूत हो रहा है।