ममता की ‘दीदीगिरी’ को कैसे लगा एक और झटका?

अब तक दो दर्जन से ज्यादा पार्टी के बड़े नेता जहां दीदी की पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं, वहीं 20 जनवरी को भी पार्टी को एक और करारा झटका लगा है।

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में अब तीन महीने से भी कम समय रह गया है। इस बीच प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं। अब तक दो दर्जन से ज्यादा पार्टी के बड़े नेता जहां दीदी की पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं, वहीं 20 जनवरी को भी पार्टी को एक और करारा झटका लगा है। पार्टी के विधायक अरिंदम भट्टाचार्य बीजेपी में शामिल हो गए हैं। दिल्ली में पार्टी महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में वे बीजेपी में शामिल हो गए।

भट्टाचार्य कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। बाद में वे टीएमसी में शामिल हो गए थे। वह यूथ काग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले वे बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

ये पहले ही छोड़ चुके हैं पार्टी
बता दें कि पिछले महीने पार्टी के कद्दावर नेता और मंंत्री सुवेंदु अधिकारी अपने सात टीएमसी विधायकों, एक लोकसभा सांसद और अन्य कार्यकर्ताओं के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी मे शामिल हो गए थे। इसके लिए मेदिनीपुर में एक भव्य रैली आयोजित की गई थी।

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ये भी हैं नाराज
अब भी टीएमसी के कई नेता, मंत्री और सांसद पार्टी से नाराज चल रहे हैं। ऐन चुनाव से पहले इन नेताओं के बगावती सुर ने ममता बनर्जी को परेशानी में डाल दिया है। हालांकि वे लगातार डैमेज कंट्रोल में जुटी हैं। पार्टी के हावड़ा संगठन में भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। डोमजूर से टीएमसी विधायक व राज्य के वन मंत्री राजीव बनर्जी पार्टी से नाराज चल रहे हैं और फिलाहल वे दीदी से दूरी बनाकर चल रहे हैं। राजीव बनर्जी के भी जल्द ही बीजेपी में शामिल होने की चर्चा है। बाली से टीएमसी विधायक वैशाली डालमिया भी पार्टी से खफा बताई जा रही हैं। इनके साथ ही लक्ष्मीरतन शुक्ला भी खेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

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