भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं ‘महबूबा’! क्या फिर दिक्कत में है पूर्व मुख्यमंत्री?

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की केंद्र सरकार से तकरार में बढ़ोतरी हो गई है। सरकार पर पहले ही नजरबंदी में रखने का आरोप लगानेवाली महबूबा का पासपोर्ट नवीनिकरण अस्वीकार हो गया है।

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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पासपोर्ट का नवीनिकरण नहीं होगा। उनके आवेदन को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने अस्वीकार कर दिया है। इस विषय में महबूबा अब विदेश मंत्रालय और संबंधित उच्च अधिकारियों के पास इस निर्णय को चुनौती दे सकती हैं। जम्मू–कश्मीर पुलिस ने महबूबा मुफ्ती को अपनी रिपोर्ट में देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।

महबूबा मुफ्ती का पासपोर्ट 31 मई 2019 की समाप्ति की तारीख थी। इसके नवीनीकरण के लिए महबूबा ने आवेदन किया था। लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट ने अपनी रिपोर्ट में महबूबा मुफ्ती को भारत की संप्रभुता के लिए खतरा बताया है, जिसके आधार पर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने इस आवेदन को अस्वीकार कर दिया है।

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पुलिस और क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के इस कदम पर महबूबा मुफ्ती ने तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने सोशल मीडिया में जारी अपनी टिप्पणी में लिखा है कि अगस्त 2019 के बाद कश्मीर में यही शांति स्थापना लौटी है कि पूर्व मुख्यमंत्री जो पासपोर्ट धारक है वो देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा है।

उच्च न्यायालय में है प्रकरण
महबूबा मुफ्ती ने अपने पासपोर्ट के नवीनिकरण के अंतर्गत नया पासपोर्ट जारी करने का आवेदन 11 दिसंबर, 2020 को किया है। जिसे तीस दिनों के अंदर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा जारी किया जाना चाहिए था। लेकिन, जब यह नहीं हुआ तो महबूबा मुफ्ती ने इसके विरुद्ध 25 मार्च को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई में जम्मू कश्मीर पुलिस ने सूचित किया है कि उन्हें पासपोर्ट जारी करने के लिए आवश्यक सीआईडी रिपोर्ट नकारात्मक मिली है। जिसके कारण मुफ्ती के पासपोर्ट आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया है। इस संबंध में सीआईडी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को पुलिस ने उच्च न्यायालय में जमा कर दिया है।

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