विधान सभा में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर तालिका अध्यक्ष से विपक्ष के 12 विधायकों द्वारा किये गए व्यवहार के संदर्भ में बड़ी कार्रवाई हुई है। इस संबंध में संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब ने इन विधायकों को एक वर्ष के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। जिसे सरकार ने बहुमत से मान्य कर लिया।
इस मुद्दे पर तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव ने कहा कि,
मेरे प्रस्ताव पेश करने के बाद सदस्य मुझ पर आए। उन्होंने राजदंड लेकर भागने का प्रयत्न किया। उस समय मैंने उन्हें कहा मैं तुम्हें नेम करता हूं। विधान सभा की कार्यवाही चलने के दौरान विभिन्न तनाव होते हैं परंतु, एक बार कार्यवाही समाप्ति के बाद वह विषय वहीं समाप्त हो जाता है। यही महाराष्ट्र की संस्कृति है। जब मैं सदन के बाहर गया तब मुझसे उपाध्यक्ष बोले मेरे बगल में बैठिये। मैं उपाध्यक्ष के सामने बैठ गया। उसी समय देवेंद्र फडणवीस गुस्से में वहां आए थे। मैंने कहा आप भी बैठिये। भाजपा के कई सदस्यों ने मुझे मां-बहन पर गालियां दीं। कुछ सदस्यों ने इसे रोकने का प्रयत्न किया परंतु वे मुझ पर टूट पड़े थे।
सभी विधायक निलंबित हुए तब भी स्वीकार
नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर अपनी सफाई दी। उन्होंने सदन में निलंबन प्रस्ताव का विरोध किया। जब यह प्रस्ताव आया और बहुमत से सरकार ने पास किया तो उसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने सभात्याग किया।
शिवसेना के कुछ विधायक और हमारे भी कुछ सदस्यों के बीच वाद विवाद हो गया। हम गुस्से में थे परंतु, उसके बाद हम गले भी मिले। उस जगह पर एक दो लोगों के शब्द अच्छे नहीं थे।
ओबीसी आरक्षण के लिए हमारे सभी विधायक निलंबित किये गए तब भी स्वीकार है। एक वर्ष क्या पांच साल के लिए निलंबित किया तब भी स्वीकार है। किसी भाजपा विधायक ने गाली नहीं दी। भास्कर जाधव को बोला कि मैं आपसे माफी मांगता हूं। सरकार के कुछ मंत्रियों ने कहानी गढ़ी है।
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जिन 12 विधायकों को निलंबित किया गया है उसमें
- गिरीश महाजन
- आशीष शेलार
- संजय कुटे
- राम सातपुते
- पराग अलवणी
- अभिमन्यु पवार
- अतुल भातखलकर
- शिरीष पिंपले
- जयकुमार रावल
- योगेश सागर
- नारायण पवार कुचे
- कीर्तिकुमार बागडिया का नाम है।
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