महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ प्रभावितों के लिए 11,500 करोड़ रुपए के अनुदान की घोषणा की है। इसको देखा जाए तो राशि भले ही बड़ी घोषित हुई है परंतु, बाढ़ पीड़ितों के हाथ तत्काल में तिनका ही आएगा। इसका एक आंकलन नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने पेश किया है।
महाराष्ट्र सरकार ने लोगों की सहायता राशि में 1,500 करोड़ रुपए का प्रवधान किया है, पुनर्निर्माण के लिए 3,000 करोड़ रुपए और सौम्यीकरण उपायों के लिए 7,000 करोड़ रुपए का प्रवधान किया है। इस विषय में देवेंद्र फडणवीस ने वर्ष 2019 की बाढ़ और 2021 की बाढ़ में घोषित राहत राशि की सूची जारी की है। जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि बड़ी राशि में से तत्काल राहत राशि तिनके से अधिक नहीं है।
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देवेंद्र फडणवीस के अनुसार तत्काल राहत के रूप में बाढ़ पीड़ितों को महाविकास आघाड़ी सरकार ने मात्र 1,500 करोड़ रुपए दिये हैं। जबकि युति के शासनकाल में समाज और व्यवसायी वर्ग के लिए सहायता राशि निर्दिष्ट की गई थी। नई सहायता सूची में हाथ गाड़ी चालक, तात्कालिक निवास व्यवस्था, कृषि का नुकसान, कृषि पंप के बिजली बिल, बाढ़ग्रस्तों की कागजी कार्रवाई, जानवरों के गोठे का कोई उल्लेख ही नहीं है।
बाढ़ में हुआ नुकसान
बाढ़ में महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सोलापुर, रत्नागिरी, रायगड जिले बहुत प्रभावित हुए हैं। जिससे 16 हजार टपरी नष्ट हो गईं, 30 हजार हेक्टेयर खेती की जमीन, 4,400 प्राणियों की मृत्यु हुई है। इसके अलावा बड़े स्तर पर सड़क, पुल, सार्वजनिक संपत्तियों का नुकसान हुआ है। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पहाड़ियों पर भूस्खलन हुआ है। जिससे ढलान और नीचे की ओर बसी बस्तियां साफ हो गईं।