कहा मंदिर खोलो! महामहिम भगतसिंह पर चल गए बाण

कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए देश में लागू किए गए लॉकडाउन से ही महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल बंद हैं। दिल्ली ने हाल ही में वहां के धार्मिक स्थलों को दिशा-निर्देशों के पालन साथ खोलने की इजाजत दी है। लेकिन महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल अब भी बंद हैं।

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मंदिर खोलने को लेकर बीजेपी राज्यव्यापी आंदोलन कर रही है। इसी मुद्दे पर राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है। जिसमें कोरोना के प्रसार की आड़ में मंदिर बंद रखने के निर्णय पर प्रश्न उठाया गया है। इसका उत्तर सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की शैली में दिया तो तीखे बाण महामहिम भगतसिंह पर चल गए।

कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए देश में लागू किए गए लॉकडाउन से ही महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल बंद हैं। दिल्ली ने हाल ही में वहां के धार्मिक स्थलों को दिशा-निर्देशों के पालन साथ खोलने की इजाजत दी है। लेकिन महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल अब भी बंद हैं। राज्य में अनलॉक प्रक्रिया के अंतर्गत सबसे पहले शराब की दुकानें खोली गईं। इसके बाद एक-एक करके सभी प्रतिष्ठानों को खोला जा रहा है। अक्टूबर में जारी दिशा-निर्देशों में होटल, बीयर बार भी खोलने की इजाजत मिल गई। लेकिन, मंदिर अब भी बंद हैं। इन्हें खोलने की मांग को लेकर बीजेपी कार्यकर्ता राज्यव्यापी स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं।

धर्मिक स्थलों पर आश्रित उद्योग ठप्प
धार्मिक स्थलों पर आधारित बहुत से उद्योग हैं जो यहां आनेवाले दर्शनार्थियों से संबंधित हैं। लेकिन अब जब देवालय के दर सरकार ने बंद कर रखे हैं तो इन स्थलों के पास की दुकानें, ट्रावेल्स कंपनियां, प्रसाद के निर्माता-विक्रेता, फल व फूल उत्पाद किसान व विक्रेता सभी का धंधा चौपट है। इससे इन धार्मिक स्थलों से चलनेवाली अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है

राज्यपाल ने लिखा सीएम को पत्र
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए कहा है। राज्यपाल ने कहा है कि 1 जून से आपने मिशन फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन चार महीने बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं। पत्र में उन्होंने कहा है कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है। आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं। आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की। आपने आषाढ़ी एकादशी पर विट्ठल रुक्मणी मंदिर का दौरा किया था, क्या आपने अचानक खुद को धर्मनिरपेक्ष बना लिया है? जिस शब्द से आपको नफरत है? दिल्ली में पूजा स्थल खोले गए हैं लेकिन कोविड -19 मामलों में वृद्धि नहीं हुई है।


सीएम का भी जवाबी बाण
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र का जवाब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी शिवसेना की रोखठोक शैली में दिया है। सीएम ने कहा है कि आपने मुझे हिंदुत्ववादी कहा वो सही है, पर मुझे आपके हिंदुत्व के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। धार्मिक स्थलों को नहीं खोला तो सेक्युलर और खोल दिया तो हिंदुत्ववादी यही आप की सोच है क्या?

शुरू हो गए सियासी दांव
सीएम उद्धव ठाकरे द्वारा राज्यपाल को दिए गए उत्तर से बीजेपी बौखला गई। मुंबई से विधायक अतुल भातखलकर ने कहा है कि, हमें वाकई आपको प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं है लेकिन आप कम से कम बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व का पालन तो करिये।

इस मुद्दे पर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा है कि, हिंदुत्व शिवसेना का प्राण है। शिवसेना हिंदुत्व को कभी भूल नहीं सकती। जो लोग इस बारे में सवाल खड़े कर रहे हैं उन्हें आत्मपरीक्षण करना चाहिए।

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