विधान सभा का दो दिवसीय वर्षाकालीन सत्र हंगामे के साथ शुरू हुआ। विधान सभा की सीढ़ी पर विपक्षी विधायकों ने प्रदर्शन किया। इसके बाद सदन में पुणे से एमपीएससी के परीक्षार्थी स्वप्निल लोणकर की आत्महत्या का मुद्दा विपक्ष ने प्रस्तुत किया। इस पर सरकार की ओर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने उत्तर दिया।
स्वप्निल लोणकर की आत्महत्या के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री ने उत्तर देते हुए नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस समेत सभी को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए योग्य कदम उठाएगी। इसके अलावा 31 जुलाई तक एमपीएससी के सभी रिक्त पदों को भरा जाएगा।
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लोणकर परिवार के लिए सहायता
विपक्ष की ओर से नेता विपक्ष और भाजपा के विधायक सुधीर मनगुंटीवर ने स्पप्निल लोणकर की आत्महत्या से पीड़ित परिवार को तत्काल देने की मांग की थी। जिस पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने आश्वस्त किया कि इस विषय में मुख्यमंत्री की ओर से यथा संभव सहायता दी जाएगी, जिस पर विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ।
जब सदन में इस विषय में चर्चा चल रही थी उस समय राज्य में विभिन्न स्थानों पर एमपीएससी के परिक्षार्थी और इच्छुक छात्र प्रदर्शन कर रहे थे।
ओबीसी समाजाचे राजकीय आरक्षण टिकवण्यासाठी सर्वोच्च न्यायालयात इम्पिरिकल डाटा उपलब्ध करुन द्यायचा आहे. हा डाटा केंद्र शासनाकडे उपलब्ध असून त्यांनी तो त्वरीत राज्य शासनास द्यावा, अशी शिफारस केंद्र सरकारला करण्यासाठी प्रस्ताव आज विधानसभेत पारित करण्यात आला.@ChhaganCBhujbal
— NCP (@NCPspeaks) July 5, 2021
विपक्ष करता रहा नारेबाजी, सरकार ने पास कर दिये विधेयक
सदन में जब विधेयक प्रस्तुत किया जा रहा था, उस समय विपक्ष की नारेबाजी चल रही थी। इसी बीच एक-एक करके विधेयक पास होते रहे। विपक्ष मराठा आरक्षण, ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण के मुद्दे पर भी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रही थी।
ओबीसींचे राजकीय आरक्षण तसेच मराठा आरक्षण,MPSC विद्यार्थ्याची आत्महत्या, शेतकऱ्यांचे प्रश्न आदी विषयांमध्ये अपयशी ठरलेल्या मविआ सरकारच्या निषेधार्थ विधीमंडळ अधिवेशनाच्या पहिल्या दिवशी विरोधी पक्षांच्या आमदारांनी विधानभवनाच्या पायऱ्यांवर सरकार विरोधात घोषणाबाजी केली. pic.twitter.com/TntFzaI2iQ
— Pravin Darekar – प्रविण दरेकर (@mipravindarekar) July 5, 2021
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मुख्यमंत्री के समक्ष घोषणाबाजी
राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार से इम्पीरियल डेटा प्राप्त करने के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उसका आरोप था कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर समय व्यतीत करना चाहती है।