महाराष्ट्रः 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को ऐसे चुकानी पड़ रही है बड़ी कीमत!

महाराष्ट्र सरकार के एक निर्णय से शिक्षकों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। वे लोकल ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने पर मजबूर हैं। इसके लिए उन्हें दंड भरना पड़ रहा है।

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महाराष्ट्र सरकार ने बिना परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर 10वीं के परिणाम घोषित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 14 जून से शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। इस दिन के बाद से शिक्षकों को 10वीं के रिजल्ट तैयार करने के लिए विद्यालयों में उपस्थित रहना पड़ रहा है लेकिन उनको मुंबई लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति नहीं है। सरकार से मांग करने के बावजूद, शिक्षकों को लोकल में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई है। इसलिए शिक्षक आर्थिक दंड का भुगतान कर लोकल में यात्रा कर विद्यालय पहुंच रहे हैं। उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाकर बिना टिकट लोकल में यात्रा शुरू कर दी है ताकि 10वीं का परिणाम समय पर घोषित किया जा सके।

 लोकल में यात्रा के अलावा विकल्प नहीं
लगभग 70 प्रतिशत शिक्षक ठाणे, पालघर और नवी मुंबई जिलों से मुंबई आते हैं। ऐसे में उनके पास लोकल में यात्रा करने के अलावा कोई चारा नहीं है। 10वीं कक्षा के छात्रों के परिणाम घोषित करने के लिए 14 जून से शिक्षक आंतरिक मूल्यांकन करने के लिए स्कूलों में उपस्थित होने लगे हैं। महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद, मुंबई संभाग ने एक सप्ताह पहले ही राज्य सरकार को एक लिखित बयान में मांग की थी कि सरकार शिक्षकों को लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दे। लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया। नतीजतन, शिक्षक असमंजस में थे कि पहले दिन वे स्कूल कैसे जाएं।

संगठन ने की ये घोषणा
महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद, मुंबई मंडल के कार्यवाहक शिवनाथ दराडे ने कहा है कि शिक्षक अगले 15 दिनों तक दंड का भरकर लोकल ट्रेन में यात्रा करेंगे। बाद में हम उन जुर्माने की रसीदों को सरकार के पास भेजेंगे, जिसे सरकार को भगुगतान करना पड़ेगा।

दंड भरकर पहुंचे स्कूल
इस मामले में सरकार के कामकाज करने के ढंग का खुलासा होता है। उसने विद्यार्थियों के लिए दबाव में आकर परिणाम घोषित करने का निर्णय ले लिया, लेकिन यह काम कैसे होगा और शिक्षकों के सामने क्या समस्या हो सकती है, इस बारे में कोई विचार करने की जरुरत नहीं समझी। अब शिक्षकों ने अगले 15 दिनों तक दंड भरकर यात्रा कर अपनी ड्यूटी निभाने का एलान किया है। 14 जून को भी शिक्षक दंड भरकर स्कूल पहुंचे। बता दें कि लॉकडाउन के कारण शिक्षकों को आधा वेतन ही दिया जा रहा है। उस पर इस तरह दंड भरकर स्कूल पहुंचना उन पर बड़ा आर्थिक बोझ है। इस बात को लेकर शिक्षकों में काफी नाराजगी है।

30 जून तक परिणाम तैयार करने का आदेश
सरकार के विरोध में शिक्षकों ने हाथों में विरोध की तख्ती लेकर रेलवे स्टेशन के बाहर धरना दिया। एसएससी बोर्ड ने शिक्षकों को 10वीं कक्षा के परिणाम तैयार करने और 30 जून तक बोर्ड को जमा करने का निर्देश दिया है। शिक्षक पहले से ही बहुत कम समय में लाखों छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन करके परिणाम तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं। अब वे प्रतिदिन जुर्माना भर कर लोकल में यात्रा कर अपने कर्तव्य का पालन करने को मजबूर हैं।

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