महाराष्ट्र में एक बार फिर शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने की चर्चा पिछले कुछ दिनों से जारी है। यह चर्चा दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बयान और राजनैततिक घटनाक्रम के मद्देनजर की जा रही है, लेकिन इस तरह की किसी भी राजनैतिक समीकरण बनने की उम्मीद पर शिवसेना कार्याध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पानी फेर दिया है।
सीएम ने इस बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बालासाहब और अजित पवार दोनों यहां हैं। ये ही बताएं कि कौन किसको छोड़ने वाला है। उनके इस उत्तर के बाद इस तरह के किसी भी किंतु-परंतु पर पूर्ण विराम लग गया है।
30 साल में कुछ नहीं हुआ तो..
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि 30 साल की युति के दौरान कुछ नहीं हुआ तो अब क्या होगा? सीएम ने यह बात विधानमंडल के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही।
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विपक्ष का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण
अधिवेशन के पहले दिन विधानसभा में मची अफरा-तफरी पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने करारा जवाब दिया। सीएम ने कहा कि विधानसभा में 5 जुलाई को जो हुआ, वह महाराष्ट्र की परंपरा को शर्मसार करने वाला है। सीएम ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण था। वे राजदंड उठाकर ले गए । बालासाहेब थोरात वरिष्ठ सदस्य हैं। मेरे 37 साल के करियर में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है। मैं पहली बार विधानमंडल में आया हूं। सीएम ने कहा, हम सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार देते हैं। लेकिन इन दिनों जो कुछ हो रहा है, उससे विधायिका की इमेज खराब हुई है। सीएम ने कहा कि जनता को जनप्रतिनिधियों से उम्मीदें हैं। लेकिन जिम्मेदार विपक्ष का व्यवहार इस तरह का है। सीएम ने कहा कि हमें सदन में इस तरह के व्यवहार की उम्मीद नहीं है।