महाराष्ट्रः बाघ से दुश्मनी नहीं, नेता कहें तो हम दोस्ती के लिए तैयार हैं! चंद्रकांत पाटील ने ऐसा क्यों कहा?

महाराष्ट्र प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच बंद कमरे में चर्चा हुई, लेकिन क्या चर्चा हुई, यह पता नहीं है।

95

दिल्ली में 8 जून को बंद कमरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी में हुई बातचीत के अलग-अलग अर्थ लगाए जा रहे हैं। इसे लेकर महाराष्ट्र प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने जो बयान दिया है, उसके कई मायने निकाले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच बंद कमरे में चर्चा हुई, लेकिन क्या चर्चा हुई, यह पता नहीं है। लेकिन हम बाघ के प्रति कभी शत्रुतापूर्ण नहीं रहे हैं, अगर हमारे नेता आज्ञा दें तो हम बाघ से दोस्ती करने को तैयार हैं।

पाटील ने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे की नरेंद्र मोदी से पुरानी दोस्ती है। उन्होंने कभी नहीं कहा कि उनकी देवेंद्र फडणवीस या चंद्रकांत पाटिल से दोस्ती है। अगर ऐसा होता तो 18 महीने में हमारी सरकार आ जाती।

पीएम-सीएम निजी मुलाकात पर अटकलबाजी
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने 8 जून को को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद सीएम ठाकरे और प्रधानमंत्री के बीच निजी मुलाकात भी हुई थी। इस मुलाकात पर राजनीतिज्ञों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले के बाद अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने भी बड़ा बयान दिया है।

ये भी पढ़ेंः मॉनसून की पहली आहट में मातम, मुंबई के मालवणी में इमारत ढही,11 लोगों की मौत

सरकार भले ही शिवसेना लेकर आए!
पाटील ने कहा कि दिल्ली के दौरे के बाद राज्य में चर्चा तेज हो गई है। मुझे नहीं पता कि इसमें कितने तथ्य हैं, लेकिन अगर शिवसेना के साथ हमारी सरकार बनती है, तो भी हम स्वतंत्र रूप से ही अगला चुनाव लड़ेंगे।

मराठा के बाद अब ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाने का संकेत
सरकार ने कोरोना के कारण प्रतिबंध लगा रखा है, इसलिए मराठा समुदाय शांत है। सरकार को चेतावनी दी गई है कि प्रतिबंध हटते ही समाज आंदोलन करेगा। अब ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण भी खत्म हो गया है। राज्य से किसी ने सर्वोच्च न्यायालय में जाकर दलील दी कि ओबीसी की आबादी उतनी बड़ी नहीं है, जितना उन्हें आरक्षण दिया जा रहा है। न्यायालय ने 13 तारीखें दीं। हर बार ओबीसी को जनसंख्या की रिपोर्ट देने के लिए कहा गया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। इसलिए कोर्ट ने झुंझलाहट में आरक्षण रद्द कर दिया। इसमें केंद्र का क्या दोष है? चंद्रकांत पाटील ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने पहले भी कई बार सरकार को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन उद्धव सरकार ने उसे नजरअंदाज कर दिया।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.