मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मनसे ने इसलिए की कमिश्नर रैंड से तुलना!

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए दही हांडी मनाने पर रोक लगा दी थी। हालांकि मनसे ने इसका विरोध किया और पार्टी नेताओं ने राज्य भर में विभिन्न जगहों पर दही हांडी मनाई।

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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने उद्धव ठाकरे द्वारा कोरोना के कारण लागू प्रतिबंधों के बावजूद दही हांडी उत्सव मनाया। इसके साथ ही मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधते हुए मंदिरों को खोलने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि नेताओं के निजी और राजनैतिक कार्यक्रमों से कोरोना नहीं फैलता तो मंदिर खोलने से भी कोरोना नहीं बढ़ेगा। उसके बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने मनसे पर निशाना साधते हुए कहा था कि नियम तोड़कर दही हांडी फोड़ी, क्या यह स्वतंत्रता की लड़ाई है। मुख्यमंत्री के इस बयान पर मनसे नेता संदीप देशपांडे ने उनकी तुलना अंग्रेजों के समय में नियुक्त प्लेग कमिश्नर चार्ल्स रैंड से की है।

संदीप देशपांडे यह कहा
1897 में प्लेग के नाम पर रैंड ने लोगों पर अत्याचार किए। उस समय चाफेकर बंधुओं ने उन्हें सबक सिखाया था। यह निश्चित है कि वर्तमान आधुनिक दौर में आने वाले चुनावों में जनता इस सरकार को सबक सिखाएगी

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देशपांडे ने मुख्यमंत्री को रैंड क्यों कहा?
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए दही हांडी मनाने पर रोक लगा दी थी। हालांकि मनसे ने इसका विरोध किया और पार्टी नेताओं ने राज्य भर में विभिन्न जगहों पर दही हांडी मनाई। इससे नाराज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ लोग लोगों की जान की परवाह नहीं करते, वे नियम तोड़ते हैं और दही हांडी उत्सव मनाते हैं। इस बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम का हवाला दिया। अब मनसे नेता संदीप देशपांडे ने इसका जवाब देते हुए स्वतंत्रता संग्राम का जिक्र किया है और उनकी तुलना लोगों पर अत्याचार करने वाले प्लेग कमिश्नर रैंड से की है, जिसे चाफेकर बंधुओं ने सबक सिखाया था।

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