इसलिए राकांपा नहीं चाहती कि ठाकरे सरकार गिरे!

महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन बनने के बाद 2019 में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई। इस सरकार का नेतृत्व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने किया और उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला।

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महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार के बारे में भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि यह सरकार कभी भी गिर सकती है। लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इस सरकार को हर हाल में टिकाए रखना चाहती है। हालांकि महाविकास आघाड़ी में शामिल तीसरी पार्टी कांग्रेस समय-समय पर आत्मनिर्भरता के नारे देकर ठाकरे सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही है। लेकिन उसे भी मालूम है कि सरकार गिरने की हालत में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही होगा। इसलिए वह सरकार गिराने जैसा आत्मघाती कदम उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी।

प्रदेश में महाविकास आघाड़ी सरकार के गठन के बाद कांग्रेस को जो महत्व मिला है, वह उसे पिछले 10 सालों में भी नहीं मिला था। इसके साथ ही सत्तासुख भोगने का राकांपा को भी जो अवसर मिला है, वह उसे खोना नहीं चाहती।

सरकार को खतरा नहीं
राज्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन बनने के बाद 2019 में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई। इस सरकार का नेतृत्व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने किया और उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला। उसके बाद से यह सरकार आज गिरेगी, कल गिरेगी, इस तरह की चर्चा जारी रहती है, लेकिन सरकार चल रही है। एक तरफ जहां राकांपा के मंत्रियों के इर्द-गिर्द ईडी का जाल बिछाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नजदीकियां भी बढ़ने की बात कही जाती है तो दूसरी ओर पीएम मोदी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बैठक के बाद एक बार फिर शिवसेना-भाजपा गठबंधन की चर्चा शुरू है। इन सब राजनैतिक गतिविधियों के बावजूद ठाकरे सरकार ठीकठाक चल रही है।

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राकांपा को मिला सम्मान
राकांपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार ठाकरे सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। राज्य में इस सरकार में राकांपा को जो सम्मान नहीं मिला, वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कारण मिला है। इसलिए ठाकरे सरकार पांच साल पूरा करेगी और राकांपा को उसे पूरा समर्थन मिलता रहेगा। नेता का कहना है कि हमारी पार्टी के मंत्री हमारी पहले की सरकार की तुलना में इस सरकार में ज्यादा स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं। वे अपने मंत्रालय के साथ न्याय करने में सक्षम हैं। प्रदेश में कांग्रेस से ज्यादा विधायक चुने जाने से एक तरह का विश्वास बढ़ा है। अब पार्टी का लक्ष्य राज्य में विधायकों की संख्या बढ़ाने का है। अगर ठाकरे सरकार पांच साल पूरा करती है तो राकांपा का यह लक्ष्य पूरा हो सकता है।

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