दीपक कैतके
Maharashtra: महाराष्ट्र में पांच साल के अंतराल के बाद स्थानीय निकाय चुनावों(Local body elections) का रास्ता साफ हो गया है और उम्मीद है कि चुनाव प्रक्रिया(Election process) वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय(Supreme Court) के निर्देश के बाद, महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग(Maharashtra State Election Commission) ने वार्ड गठन की प्रक्रिया शुरू(Process of ward formation begins) कर दी है, जिसके बाद आरक्षण और मतदाता सूची(Reservation and voter list) को अद्यतन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसके बाद चुनाव होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राहत
6 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण की बाधा को दूर करते हुए चुनाव का रास्ता साफ कर दिया था और चुनाव आयोग को कार्रवाई के लिए चार सप्ताह का समय दिया था। राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने बताया कि, “अनुमानित समय सीमा वार्ड गठन के लिए 70 दिन, आरक्षण प्रक्रिया के लिए 15 दिन और मतदाता सूची अपडेट के लिए 40 दिन है। इसलिए, दिसंबर 2025 तक चुनाव होने की संभावना है।”
देरी क्यों ?
वाघमारे ने बताया, “ओबीसी आरक्षण, अदालती याचिकाओं, वार्ड संरचना और सदस्यों की संख्या जैसे तकनीकी मुद्दों के कारण चुनाव की तारीख स्थगित कर दी गई।”
पूरे राज्य में प्रशासकों के अधीन संस्थाए़ं
2020 से 2023 के बीच 27 स्थानीन निकाय का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। वर्तमान में कुल 29 नगर निगमों, 248 नगर पालिका परिषदों, 42 नगर पंचायतों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों में प्रशासक नियुक्त हैं।नवगठित नगर निगम इचलकरंजी और जालना भी चुनाव प्रक्रिया में भाग लेंगे।
मुंबई महानगरपालिका की 227 सीटों के लिए चुनाव
बृहन्मुंबई नगर निगम चुनावों के बारे में भी स्पष्टता आ गई है और इस वर्ष चुनाव मौजूदा 227 सीटों के लिए होंगे, न कि पिछले वर्ष 236 सीटों के लिए। बंठिया आयोग ने ओबीसी आरक्षण के लिए 27 प्रतिशत की सिफारिश की थी और अदालत ने माना है कि 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के भीतर यह संभव है।
राजनीतिक हलचल तेज
राज्य में स्थानीय चुनाव पार्टियों की असली ताकत का परीक्षण हैं। यह तय है कि महायुति (भाजपा, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी) और महाविकास अघाड़ी (उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना, शरद पवार गुट की एनसीपी और कांग्रेस) के बीच कड़ी टक्कर होगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट कर दिया है कि महायुति मिलकर चुनाव लड़ेगी, लेकिन कुछ जगहों पर अलग-अलग लड़ने की भी संभावना है।
कांग्रेस ने स्थानीय स्तर पर प्रत्याशी तय करने का अधिकार पार्टी को दे दिया है।
उद्धव ठाकरे ने कार्यकर्ताओं के साथ रणनीति पर चर्चा शुरू कर दी है।
जयंत पाटील ने एनसीपी शरद पवार गुट को चुनाव की तैयारी करने का भी आदेश दिया है।
2025 के अंत तक राज्य भर की स्थानीय स्वायायत संस्थाओं में मतपेटियों की खनक सुनाई देगी, राजनीतिक समीकरणों में फेरबदल होगा, नया नेतृत्व सामने आएगा – महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया अध्याय लिखे जाने की संभावना है!
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