महाराष्ट्र: अब लक्ष्य विधान परिषद सभापति, बैठेंगे किसके ‘राम’?

महाराष्ट्र में अब सत्तापक्ष की नजर विधान परिषद सभापति पद पर टिक गई है। इसका निर्णय वर्षा कालीन सत्र के पहले दिन हो सकता है।

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राज्य विधान सभा अध्यक्ष और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब सत्तापक्ष का लक्ष्य विधान परिषद सभापति पद पर टिक गया है। इसका निर्णय वर्षा कालीन सत्र के पहले दिन होने की चर्चा है। इस पद के लिए भाजपा की ओर से राम शिंदे का नाम चर्चा में है, जबकि वर्तमान सभापति रामराज निंबालकर हैं, उनके कार्यकाल को जारी रखने के लिए भी भीतर प्रयत्न होने की बातें सामने आ रही हैं।

राज्य के इतिहास में शिवसेना भाजपा युति की सत्ता में एक बड़ा राजनीतिक बदल हुआ है, जिसमें भाजपा विधायक दामाद राहुल नार्वेकर विधान सभा के अध्यक्ष हैं और उनके ससुर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधान परिषद सदस्य रामराजे निंबालकर विधान परिषद के सभापति हैं। परंतु, ‘ऑल इन दी फैमिली’ की जोड़ी अब टूट सकती है। विधान परिषद सभापति को बदलने के लिए प्रयत्न हो रहे हैं। सत्ता पक्ष शिवसेना भारतीय जनता पार्टी इसके लिए अपने सदस्य को चुनने के प्रयत्न में है।

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आंकड़े निर्णय करेंगे सभापति पद पर कौन से राम?
विधान परिषद में सदस्य संख्या की खिचड़ी है। जिसमें किसी के भी पास स्पष्ट संख्याबल नहीं है। परंतु, भारतीय जनता पार्टी के सबसे अधिक सदस्य हैं, जबकि उसकी सहयोगी एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास कोई सदस्य नहीं है। विधान परिषद में वर्तमान संख्याबल इस प्रकार है…

भारतीय जनता पार्टी 24
शिवसेना – 11
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – 10
कांग्रेस – 10
अन्य – 7
रिक्त – 16

टूटेंगे उद्धव ठाकरे समर्थक या राष्ट्रवादी देंगे समर्थन?
संख्याबल को देखते हुए किसी भी एक दल के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है। अन्य 7 सदस्यों का पूरा समर्थन भारतीय जनता पार्टी को मिल जाए तब भी संख्याबल 31 सदस्य तक ही पहुंचता है, ऐसी स्थिति में विपक्ष के पास भी 31 की ही संख्या है। जबक, 16 पद रिक्त हैं, जिसमें से 12 राज्यपाल नामित सदस्य हैं।

संख्याबल को देखते हुए यदि विधान परिषद सभापति का चुनाव होता है तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य और वर्तमान सभापति रामराजे निंबालकर को पद से हटाने के लिए भाजपा के राम शिंदे को विपक्ष में सेंध लगानी होगी, ऐसी स्थिति में प्रश्न उठता है कि, विधान सभा और संसद में टूट चुकी उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना क्या विधान परिषद में भी टूटेगी या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी या कांग्रेस के कुछ सदस्य भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देंगे, इसी पर पूरा भविष्य है।

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