Veer Savarkar: वर्धा के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में वीर सावरकर का अपमान, सावरकर प्रेमियों ने पुलिस से की कार्रवाई की मांग

वर्धा में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में छात्रों ने शहरी नक्सली संगठन कबीर कला मंच की तरह ही एक देश विरोधी गीत गाया है। इसमें छात्रों ने स्वतंत्रता आंदोलन में सशस्त्र क्रांतिकारियों के प्रेरणास्रोत बने वीर सावरकर की आलोचना करते हुए एक गीत गाया है।

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Veer Savarkar: फिलहाल मोदी सरकार ने नक्सली आंदोलन को पूरी तरह खत्म करने का फैसला किया है। उसने 26 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का फैसला किया है। साथ ही शहरी नक्सलवाद को भी खत्म किया जा रहा है। हालांकि, स्कूलों और कॉलेजों में शहरी नक्सली विचार अभी भी जिंदा हैं। महाराष्ट्र के वर्धा में यह बात साफ तौर पर सामने आई है। यहां महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में छात्रों ने शहरी नक्सली संगठन कबीर कला मंच की तरह ही एक देश विरोधी गीत गाया है। इसमें छात्रों ने स्वतंत्रता आंदोलन में सशस्त्र क्रांतिकारियों के प्रेरणास्रोत बने वीर सावरकर की आलोचना करते हुए एक गीत गाया है।

इस अपमानजनक घटना के प्रकाश में आने के बाद स्वातंत्र्यवीर सावरकर सामाजिक सेवा भक्त मंडल ने वर्धा में पुलिस को एक निवेदन दिया है। इस निवेदन के माध्यम से संबंधित लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।

इस बयान में कहा गया है कि स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) द्वारा स्वातंत्र्यवीर सावरकर को बदनाम करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया जा रहा है। इंस्टाग्राम और अन्य मीडिया के माध्यम से जानबूझकर किया जा रहा यह प्रसार एक सामाजिक अपराध है। चूंकि हाल ही में उच्च न्यायालय ने फैसला दिया है कि किसी भी देशभक्त को बदनाम करना कानूनी अपराध है, इसलिए उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना जरूरी है जो इस तरह से स्वातंत्र्यवीर सावरकर को बदनाम करके जाति और सामाजिक स्तर पर समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर सामाजिक सेवा समिति के माध्यम से हम इसका विरोध कर रहे हैं और यदि इस घटना की अनदेखी की गई तो स्वातंत्र्यवीर सावरकर साहित्य के विद्वानों, अनुयायियों और संगठनों का एक जन आंदोलन पूरे महाराष्ट्र में खड़ा किया जाएगा। मांग की गई कि देशद्रोहियों और जातिगत भेदभाव पैदा करके सामाजिक अशांति पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें सख्त सजा दी जाए। पुलिस अधीक्षक जैन ने इस निवेदन को स्वीकार किया।

यह निवेदन देते समय प्रतिनिधिमंडल में विश्व हिंदू परिषद के मंत्री अनिल कावले, अतुल देशपांडे, स्व. सावरकर समिति के अध्यक्ष श्याम देशपांडे, संस्कार भारती के जिला सचिव मकरंद उमालकर, विवेक विचार मंच के प्रांत संयोजक अतुल शेंडे, विश्व हिंदी विद्यापीठ के डॉ. अश्विन कुमार, शुभम चिखलकर, पुरोहित मंडल के सचिन लिकिटकर शामिल थे। इसके अलावा निवेदन देते समय रवि सातदेवे, अनिल पखोड़े, कुमार लिकिटकर भाजपा के श्रीधर देशमुख आदि विभिन्न संगठनों के सदस्य और पदाधिकारी मौजूद थे।

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महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक गीत तैयार कर सामूहिक रूप से गाया है। ‘सॉरी सावरकर’ गीत में वीर सावरकर ने अंग्रेजों से माफीनामा लिखकर डरकर अपनी रिहाई की बात कही है। इसी गीत में ‘विद्यालय संघ की शाखा नहीं हैं। वहां सावित्रीबाई को याद किया जाना चाहिए’ के ​​साथ ही विकासशील देश में निस्वार्थ सेवा से राष्ट्र निर्माण के कार्य में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी आलोचना की गई है। इस तरह इन छात्रों ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मजाक उड़ाने का घिनौना काम किया है। इससे इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि शहरी नक्सली विचारधारा, टुकड़े-टुकड़े गैंग आज भी छात्रों के बीच जिंदा है।

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