जलयुक्त शिवार पर खिंची तलवार

राजनीति कब कौन सी करवट ले ये कह नहीं सकते। कल तक बीजेपी के साथ जो शिवसेना खड़ी थी आज एनसीपी-काग्रेस के संग गठजोड़ कर उसे बीजेपी के साथ खुदवाए गए जलयुक्त शिवार जल मुक्त नजर आने लगे। जलयुक्त शिवार को लेकर कैग ने काफी गंभीर टिप्पणी की थी। जिसका संज्ञान लेकर सरकार कार्रवाई कर रही है।

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महाराष्ट्र में पूर्व की बीजेपी सरकार के जलयुक्त शिवार पर एसआईटी गठित कर जांच करवाने के फैसले को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। जलयुक्त शिवार के अंतर्गत किये गए कार्यों को लेकर कैग की रिपोर्ट और तकनीकी सलाहकारों के सुझावों का हवाला देकर सरकार ने ये फैसला लिया है। जबकि अब विपक्ष में बैठी बीजेपी इसे फंसाने का सियासी दांव बता रही है। बीजेपी ने तो समय आने पर जवाब देने की बात भी की है।

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राजनीति कब कौन सी करवट ले ये कह नहीं सकते। कल तक बीजेपी के साथ जो शिवसेना खड़ी थी आज एनसीपी-काग्रेस के संग गठजोड़ कर उसे बीजेपी के साथ खुदवाए गए जलयुक्त शिवार जल मुक्त नजर आने लगे। जलयुक्त शिवार को लेकर कैग ने काफी गंभीर टिप्पणी की थी। जिसका संज्ञान लेकर सरकार कार्रवाई कर रही है। अब सवाल उठता है कि कैग हर साल कई मुद्दों को लेकर सरकार की बखिया उधेड़ता रहता है तो क्या सरकार सब पर जांच बैठाएगी?

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बहरहाल, ये सियासत है कहते हैं यहां कोई स्थाई मित्र नहीं और कोई स्थाई दुश्मन नहीं होता। शिवसेना नीत महाविकास आघाड़ी सरकार जलयुक्त शिवार योजना पर जांच करवाने के लिए तटस्थ है। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी ये बात कही है। दूसरी तरफ बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने कैग रिपोर्ट के दावों को एक सिरे से खारिज कर दिया है।

अतुल भातखलकर ने तो शिवसेना सरकार को समय आने पर हिसाब चुकता करने की धमकी भी दे दी है। लेकिन मामला चाहे युति का हो या आघाड़ी का सरकारी तिजोरी का नुकसान नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा किसी ने किया है तो उसकी जांच करवाने पर किसी को कोई हर्ज भी नहीं होना चाहिए आखिर साच को आंच किस बात की…

 

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