– अमन दुबे
Maharashtra: देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने गुरुवार (5 दिसंबर) को तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Maharashtra for the third time) पद की शपथ ली। उनके साथ एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और अजीत पवार (Ajit Pawar) ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली (sworn in as Deputy Chief Minister) है।
शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के आजाद मैदान में हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत एनडीए कई बड़े नेता शामिल हुए। शपथ के बाद फडणवीस ने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करते हुए कहा कि अब महाराष्ट्र में स्थिर सरकार चलेगी। उन्होंने कहा कि राजनीति का यह दौर बदलाव का होगा, बदले का नहीं।
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मिलकर चलेगी सरकार
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि सरकार सबको साथ लेकर चलेगी। जब भी समस्याएं आएंगी, सरकार मिलकर समाधान निकालेगी। फडणवीस ने कहा कि यह सरकार स्थिरता, पारदर्शिता और विकास की दिशा में आगे बढ़ेगी। महाराष्ट्र की जनता अब स्थिर और मजबूत सरकार की उम्मीद करती है।
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सीएम बनते ही एक्शन मोड में फडणवीस
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री राहत कोष की फाइल पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने पुणे के मरीज चंद्रकांत शंकर कुर्हाड़े को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से पांच लाख रुपए की सहायता दी है। बता दें कि चंद्रकांत शंकर कुर्हाड़े की पत्नी ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट उपचार के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता मांगी थी।
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भूमिकाएं बदली हैं दिशा और गति वही है
महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा, “पिछले 2.5 साल में हमने महाराष्ट्र के विकास के लिए काम किया है। यहां से भी हम महाराष्ट्र के विकास के लिए काम करेंगे। हम अब नहीं रुकेंगे, दिशा और गति वही है। केवल हमारी भूमिकाएं बदल गई हैं। हम महाराष्ट्र के हित में फैसले लेना चाहते हैं। हमने अपने घोषणापत्र में इसका उल्लेख किया है।”
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लड़की बहन योजना की बढ़ेगी रकम
महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के ‘महायुति’ गठबंधन को चुनाव जिताने में ‘लड़की बहन’ योजना की अहम भूमिका मानी जाती है। इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये दिए जा रहे हैं, जिनके परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है। योजना के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 2100 रुपये करने का वादा किया गया है। फडणवीस ने कहा कि पहले राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत की जाएगी। उसके बाद योजनाओं का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि महायुति सरकार विकास और कल्याण के लिए समर्पित रहेगी।
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फडणवीस का तीसरा कार्यकाल चुनौतीपूर्ण
- सुशासन की चुनौती
- मराठा आरक्षण
- चुनावी वादों को पूरा करने की चुनौती
- किसानों की मांगें
- बीएमसी चुनाव
- कर्ज संकट का हल निकालना होगा
- कैबिनेट बनाने में भी मुश्किलें आएंगी
- शिंदे और पवार को साथ लेकर चलना होगा
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बीएमसी चुनाव महायुति की प्राथमिकता
राजनीतिक विश्लेषक और पत्रकार अंकित तिवारी ने हिंदुस्थान पोस्ट को बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके सहयोगी एकनाथ शिंदे और अजीत पवार का सबसे बड़ा राजनीतिक लक्ष्य बृहन्मुंबई महानगरपालिका पर नियंत्रण हासिल करना है। 85,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ, यह भारत का सबसे अमीर महानगरपालिका है, जिसे तीन दशकों से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना चला रही है। महायुति इसे जीतने के लिए पूरा जोर लगाएगी।
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मंत्रिमंडल गठन
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के कोटे से 20 मंत्री हो सकते हैं। गृह और वित्त मंत्रालय भी भाजपा अपने पास रखेगी। सूत्रों के अनुसार, शिवसेना के कोटे से 13 और एनसीपी के कोटे से 10 मंत्री हो सकते हैं।
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तीन दिवसीय विशेष सत्र
सरकार ने विधायकों को शपथ दिलाने के लिए तीन दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है। यह सत्र 7, 8 और 9 दिसंबर को मुंबई में होगा। 9 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। सत्र के दौरान सरकार सदन में अपना बहुमत साबित करेगी। इस संबंध में प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
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