वसूली मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए गए बयान से पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुसीबत और बढ़ गई है। इस बयान से अनिल देशमुख की 4 फरवरी को होने वाली जमानत याचिका की सुनवाई पर असर पर पड़ सकता है।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह वसूली का लक्ष्य देने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच ईडी मनी लंड्रिंग एंगल से कर रही है। मामले में ईडी ने पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे का 7 दिसंबर, 2021 को बयान दर्ज किया था। शुक्रवार को ईडी ने इस बयान को विशेष कोर्ट में पेश किया है।
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ईडी को दिए गए बयान में पूर्व मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने कहा है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तबादले के बारे में अनिल देशमुख अपने सचिव के माध्यम से सूचित करते थे, जिसे वे मातहत अधिकारी के तौर पर इनकार नहीं कर सकते थे। हालांकि इस मामले में अनिल देशमुख पहले ही कह चुके हैं कि उनके पास विधायकों के सुझाव आते थे। उन्हीं सुझाव के आधार पर वे वरिष्ठ अधिकारियों की पोस्टिंग की सिफारिश करते थे। इस मामले की गहन छानबीन ईडी कर रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. किरीट सोमैया ने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव के बयान से साफ हो गया कि महाविकास अघाड़ी सरकार में पैसे लेकर अधिकारियों का तबादला किया जा रहा था।
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