महाराष्ट्र में इस वर्ष भी दही हंडी उत्सव पर कोरोना का ग्रहण लग गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लोगों के आरोग्य को प्रधानता देने की बात कही गई है। इस बैठक के बाद जो बात स्पष्ट होकर सामने आई है वो ये है कि इस बार भी दही हंडी पर रोक रहेगी।
बैलगाड़ा स्पर्धा पर लंबे चले राडा (विवाद) के बाद अब दही हंडी उत्सव पर राजनीतिक नौटंकी शुरू हो गई है। इसके कारण विपक्ष ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है। राज्य में इस वर्ष दही हंडी उत्सव आयोजित किये जाने पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें लगातार दूसरे वर्ष दही हंडी उत्सव पर कोरोना की नजर लगने की बात कही जा रही है।
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करोड़ो की मटकी, कोरोना में अटकी
मुंबई और ठाणे में दही हंडी उत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है। मटकी फोड़नेवाले मंडलों के लिए करोड़ रुपए का इनाम रखा जाता है। यह कोरोना संक्रमण के कारण स्थगित होता रहा है। जिससे आयोजक और दही हंडी मंडल दोनों ही हानि उठा रहे हैं। इस बार उत्सव की अनुमति न मिलने पर दही हंडी उत्सव मंडल और आयोजक दोनों ही आक्रामक भूमिका में हैं।
क्या कहते हैं मुख्यमंत्री?
यह बच्चों का उत्सव है, पिछले एक वर्ष में जो बच्चे अनाथ हुए हैं, वो किस परिस्थिति में हैं ये हमें देखना चाहिए। टीकाकरण के बाद भी कुछ देशों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है। परंतु, आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए हमने प्रतंबिधों में शिथिलता दी है। पिछले डेढ़ साल में जो स्वास्थ्य संसाधन हमने विकसित किया वह किसी दूसरे राज्य के लिए संभव नहीं हो पाया है। कोरोना की दूसरी लहर से हम डॉक्टरों की मेहनत से बाहर आ पाए हैं। अब फिर वही संकट नहीं चाहिए। भीड़ टालने के लिए हमें सुरक्षित कदम उठाने पड़ेंगे।
शेलार ने दी धमकी, मटकी फोड़ेंगे कदम
भारतीय जनता पार्टी के विधायक आशीष शेलार ने कहा है कि, कोविड-19 के दोनों टीके ले चुके लोगों को दही हंडी उत्सव के आयोजन की अनुमति दी जाए। यदि ऐसा नहीं होता तो भाजपा आंदोलन करेगी।
मुंबई में सबसे अधिक पुरस्कारवाली दही हंडी के आयोजक भाजपा विधायक राम कदम ने सरकार के निर्णय का तीव्र विरोध किया है। उन्होंने इस वर्ष दही हंडी उत्सव के आयोजन की धमकी दी है।
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मनसे भी फोड़ेगी मटकी
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता बाला नांदगावकर ने राज्य सरकार पर हिंदू द्वेषी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार दही हंडी उत्सव का दिशानिर्देश जारी करे उसका पालन करते हुए त्योहार मनाया जाएगा। त्योहार सभी धर्म के लोगों को मनाना चाहिए, इसके पीछे इतिहास है। कोरोना की दूसरी-तीसरी लहर के नाम पर त्योहारों को रद्द किया जा रहा है। विधायक-सांसदों के बड़े-बड़े वैवाहिक आयोजन होते हैं, लोग बसों में यात्रा कर रहे हैं उससे कोरोना नहीं फैलता। हम सरकार के प्रतिबंध को नहीं मानते।