महाराष्ट्रः इसलिए आदित्य ठाकरे से घबराने लगे हैं राकांपा और कांग्रेस के मंत्री!

महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के ज्यादातर मंत्री अनुभवी हैं, जबकि उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे प्रशासन में नए हैं। इसके बावजूद इन्होंने अपनी प्रशासनिक सूझबूझ का परिचय दिया है।

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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं और उनके पुत्र आदित्य ठाकरे पर्यावरण व संरक्षक मंत्री हैं। प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के ज्यादातर मंत्री अनुभवी हैं, जबकि उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे प्रशासन में नए हैं। इसके बावजूद इन्होंने अपनी प्रशासनिक सूझबूझ का परिचय दिया है और इसका लाभ उनके साथ ही राज्य सरकार को भी मिल रहा है। आदित्य के इस तरह के प्रशासनिक कौशल को देखकर कांग्रेस और राकांपा के अनुभवी मंत्रियों को डर सताने लगा है। इसलिए वे किसी न किसी बहाने उनके करीबी प्रशासनिक अधिकारियों का स्थानांतरण करने की कोशिश में रहते हैं।

आदित्य से दोस्ती करना चाहते हैं प्रशासनिक अधिकारी
आदित्य ठाकरे राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार में सबसे कम उम्र के और सबसे कम अनुभव वाले मंत्री हैं। आदित्य ठाकरे की तरह ही अदिति तटकरे भी पहली बार मंत्री बनने वाली विधायक हैं। लेकिन आदित्य ठाकरे के काम करने का तरीका सभी प्रशासनिक अधिकारियों को पसंद है। इसलिए वरिष्ठ और कनिष्ठ सभी प्रशासनिक अधिकारी उनसे दोस्ती करने के लिए इच्छुक रहते हैं।

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प्रशासनिक अधिकारियों को इसलिए पसंद हैं आदित्य ठाकरे
मुंबई महानगरपालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल के साथ ही आदित्य ठाकरे पी वेलरासू, सुरेश काकानी, अश्विनी भिड़े, आशुतोष सलिल समेत सभी संभागीय सहायक आयुक्तों, उपायुक्तों से आदित्य के अच्छे संबंध हैं। अधिकारियों के मुताबिक आदित्य भले ही मंत्री हैं, लेकिन वे सभी विषयों को अच्छी तरह समझते हैं। वे अपने विचारों को अधिकार के साथ थोपे बिना प्रशासनिक मामलों पर चर्चा कर निर्णय लेते हैं। इतना ही नहीं, आदित्य से बात करने पर उनमें नम्रता और विश्वास दिखता है। इसलिए कोई भी अधिकारी आदित्य ठाकरे के काम को पूरा करने की कोशिश करता है। इससे कांग्रेस और राकांपा के मंत्री सदमे में हैं।

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इसलिए अधिकारियों का तबादला
कुछ दिन पहले चर्चा थी कि बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त रहे संजीव जायसवाल का भी इसी प्रतिशोध के कारण तबादला कर दिया गया। आदित्य ठाकरे के प्रशासनिक कौशल के चलते दोनों पार्टियों के मंत्री और पदाधिकारी कमजोर होते जा रहे हैं, इसलिए आदित्य के करीबी अधिकारियों का तबादला कर वे अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने की कोशिश क रहे हैं। मंत्री बनने से पहले भी आदित्य ठाकरे बीएमसी अधिकारियों और अन्य सचिवों से मुलाकात करते थे। आदित्य की तब की पहचान आज मंत्री के रूप में कार्य करते हुए लाभदायक साबित हो रही है। उसी दोस्ती के कारण आज अधिकारी आदित्य ठाकरे का मार्गदर्शन कर रहे हैं।

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