गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व का कार्यक्रम लाल किले में आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और सिख समुदाय को संबोधित कर एक बड़ा संदेश दिया। गुरु तेग बहादुर का लाल किले से एक बड़ा नाता है। जो सिख परंपरा और वीरता का आदर्श प्रस्तुत करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने लाल किले से रात में संबोधन किया। इसके पीछे कारण है, सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर का 200वां प्रकाश पर्व। इस लाल किले में आयोजित प्रकाश पर्व के लिए बड़ी संख्या में सिख समुदाय इकट्ठा हुआ था। इस कार्यक्रम में 400 सिख संगीतकारों ने प्रस्तुति दी। यह दो दिन का कार्यक्रम था। जिसमें पहले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उपस्थित थे, जबकि दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित थे।
श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक हैं।
इसलिए, जब अफग़ानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है। – PM @narendramodi Ji at Red Fort pic.twitter.com/NHPVSBvpOA
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) April 21, 2022
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लाल किला और गुरु तेग बहादुर
सिख समुदाय के 9वें गुरु तेग बहादुर ने धर्म रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। उन्हें वर्ष 1675 में मुगल शासक औरंगजेब ने फांसी देने का आदेश लाल किले से ही जारी किया था। गुरु तेग बहादुर वीरता का आदर्श हैं, जो मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने पिता के संग मुगलों से युद्ध लड़ने निकल पड़े थे। उनकी वीरता को देख पिता ने उनका नाम तेग बहादुर (तलवार की धार) रख दिया।
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PM @narendramodi addresses the 400th Parkash Purab celebrations of Sri Guru Tegh Bahadur Ji at Red Fort
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