पंजाब विधानसभा चुनाव की 117 सीटों में से 92 सीटों पर जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी ने बड़ी बाजी मारी है। कॉमेडियन से राजनेता बने भगंवत मान 16 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। राज्य की सत्ता में नए सत्ताधारी को देखते हुए लोग इसे देश की राजनीति का नया गेट-वे मान रहे हैं। जिसमें यह चर्चा सामान्य जनों के बीच होने लगी है कि क्या आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस की जगह विकल्प के रूप में विकसित हो रही है।
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दिल्ली का ‘नि:शुल्क’ मॉडल
पंजाब की जनता ने अरविंद केजरीवाल के दिल्लीवाले फ्री मॉडल पर मोहर लगा दी है। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति, दिल्ली 200 यूनिट बिजली मुफ्त की तर्ज पर 300 यूनिट बिजली मुफ्त देना और घरेलू बिजली बिल का पुराना बकाया बिल माफ करना। इसका जनता से वादा किया है। इसके साथ ही 18 साल से अधिक आयु की प्रत्येक महिला के लिए 1000 रूपए प्रति माह पेंशन देना और ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का वादा है।
कांग्रेस का भीतराघात
कांग्रेस में आपसी गुटबाजी और भीतराघात के कारण आम आदमी पार्टी को पंजाब की सत्ता पाना आसान हो गया। अंदरूनी कलह में उलझी कांग्रेस जनता से दूर होती गई। कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाकर कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी की कलह को समाप्त करने का जो प्रयत्न किया, वह नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेशाध्यक्ष और चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने का बाद और चरम पर पहुंच गई।
किसान आंदोलन का असर
आम आदमी पार्टी को किसान यूनियन के आंदोलन का लाभ भी मिला। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों को सुविधाएं मुहैया कराकर आप पार्टी ने पंजाब के किसानों में अपनी पैठ मजबूत कर ली थी। किसान आंदोलन के चलते पंजाब में किसान भाजपा से नाराज थे, ऐसे में अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा और आम आदमी पार्टी ने इसका फायदा उठा लिया ।
भगवंत मान की अपील का असर
आम आदमी पार्टी ने ये चुनाव अपने पुराने और विश्वस्त नेता भगवंत मान को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर लड़ा। भगंवत मान को लोग बतौर कॉमेडियन और एक राजनेता के रूप में जानते हैं, वे पंजाब में संगरूर लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार आम आदमी पार्टी के सांसद हैं। 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद से भगवंत मान पार्टी के स्टार प्रचारक रहे हैं।
आप का राष्ट्रीय राजनीति में प्रभाव
पंजाब में सरकार बनाने के बाद देश की राष्ट्रीय राजनीति में महत्व बढ़ गया है। पंजाब में राज्यसभा की 7 सीटे हैं। जिनमें से 5 सीटों पर 31 मार्च को चुनाव होना है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को इसका फायदा मिलेगा और वह राज्यसभा में छठवां सबसे बड़ा दल बन सकता है। नए समीकरण में दिल्ली और पंजाब को मिलाकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा में 7 नए सांसद चुनकर जा सकते हैं।