कौन कर रहा हिंदुत्व के विघटन की साजिश… जानें उनके नाम और उनके समर्थकों को

हिंदुत्व को जातीयता, धर्मांधता का आरोप में जकड़कर जो षड्यंत्र रचा गया है। उसके पीछे किन विचारों के लोग हैं इसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है।

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डिसमेंन्टलिंग ग्लोबल हिंदुत्व के नाम पर एक षड्ंयत्र रचा गया है। उसका व्यासपीठ भले ही अमेरिका बना है परंतु, उसके वक्ता और समर्थक भारत में भी हैं। इनमें वामपंथी विचारों के लोग, कश्मीरी अलगाववादी, नक्सली समर्थक और खालिस्तानी शामिल हैं।

वैसे बता दें कि, भारत के समृद्धशाली हिंदुत्व की समाप्ति का बीड़ा उठाने की यह कोई पहली साजिश नहीं है। देश ने आक्रांताओं के रूप में हजार साल से अधिक हिंदुत्व का समूल नष्ट करने का षड्ंयत्र झेला है। अब वामपंथी, नक्सली, खालिस्तानी, कश्मीरी अलगाववादी और कुछ तथाकथित आंबेडकरवादी मिलकर इसके विरुद्ध नया षड्यंत्र रच रहे हैं। जिन्हें जानना उतना ही आवश्यक है, जितना इस षड्यंत्र को नाकाम करना…

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वामपंथी, नक्सली, और कश्मीरी अलगाववादी बताएंगे हिंदुत्व की परिभाषा!

मनान अहमद – पाकिस्तानी – आयोजक/ प्रमोटर

अर्जुन सिंह सेठी – जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय – खालिस्तानी/कश्मीरी अलगाववादी – आयोजक/ प्रमोटर

हुमा डार – पाकिस्तानी – कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बार्कली – कश्मीरी अलगाववादी, जातिवादी उग्रवाद प्रवर्तक – आयोजक/ प्रमोटर

पोलिस प्रोजेक्ट – माओवादी, कश्मीरी अलगाववादी – आयोजक/ प्रमोटर

पीटर फ्रैडरिक – खालिस्तान समर्थक – प्रमोटर

ओंद्रे ट्रशके – ‘स्टुडेंट अगेन्स्ट हिंदुत्व आयडियोलॉजी’ संगठन के सलाहकार समिति का सदस्य और अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रमुख पदाधिकारी

आनंद पटवर्धन – स्वघोषित मानवाधिकार कार्यकर्ता

आयशा किदवई – वामपंथी विचारों की कार्यकर्ता, जेएनयू में प्राध्यापक

बानू सुब्रमण्यम – मेनचेस्टर विश्वविद्यालय की प्राध्यापक

भंवर मेघवंशी – पत्रकार और आंबेडकरी आंदोलन का कार्यकर्ता

क्रिस्टोफे जाफ्रीलोट – वामपंथी विचारों के लेखक

कविता कृष्णनन – जेएनयू, दिल्ली -सीपीआई (एमएल) की पोलित ब्यूरो सदस्य

मीना खंडासमी – अंबेडकरी आंदोलन की कार्यकर्ता

नंदिनी सुंदर – प्राध्यापक, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स

नेहा दीक्षित – पत्रकार

मोहम्मद जुनैद – कश्मीरी अलगाववादी

विरोध में भारतीय और उनके संगठन?

1 सितंबर को हिंदुवादी संगठनों ने #DGH_Panelists_Hindu_Haters के हैशटैग से ट्विटर पर एक मुहिम शुरू की। जो संपूर्ण विश्व में ट्रेंड करने लगा। अमेरिका, युनाइटेड किंगडम, आयरलैंड, जर्मनी, स्वित्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, दक्षिण आफ्रीका, मॉरिशस, संयुक्त अरब अमीरात, जापान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया आदी देशों के हिंदुओं ने ऑनलाईन आंदोलन में स्वस्फूर्त सहभाग लिया। यहां के हिंदुओं ने हाथ में ‘प्लकार्ड’ लेकर इसका विरोध सोशल मीडिया के माध्यम से किया। इस परिषद को रद्द करने के लिए विभिन्न देशों में वहां के गृहमंत्री और विदेश मंत्री और राष्ट्रपति को पत्र दिये गए।

हिंदू जन जागृति समिति ने अपने वेबसाइट से इस हिंदूत्व विरोधी षड्यंत्र को नाकाम करने के लिए मुहिम शुरू की है। इसमें ऑनलाइन याचिका भी डाली गई है।

अमेरिका के हिंदू संगठनों ने इसके लिए एक पत्र भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारती के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है।

हिंदू अमेरिकान फाऊंडेशन ने भी ऑनलाइन मुहिम शुरू की है जिसमें, अमेरिकी शिक्षाविदों को इस षड्यंत्र के विषय में जानकारी देना और इसका समर्थन न करने की बात शामिल है। इसके लिए ऑनलाइन मेल, पत्र, निजीरूप से संपर्क भी किया जा रहा है।

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