असम मिजोरम विवाद: क्यों लड़ रहे हैं दोनों राज्य? असम के सीएम पर एफआईआर का क्या है कारण?

असम और मिजोरम के विवाद का लंबा इतिहास है। इसे मिटाने के लिए दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र सरकार की मध्यस्तता की बात कर रहे हैं, परंतु इस बीच एक दूसरे के अधिकारियों और अब तो मुख्यमंत्री पर भी एफआईआर दायर कर दी है।

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दो राज्य सीमाओं को लेकर आपस में लड़ रहे हैं। ये दोनों ही भूमि की सीमाओं के लिए लड़ रहे हैं परंतु मर्यादाओं की सीमा लांघकर। अब मिजोरम ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है। परंतु, दोनों ही राज्यों का इतिहास एक है, पर सीमाओं को लेकर वे अंग्रेजों द्वारा निर्धारित दो अलग-अलग सीमांकन नोटिफिकेशन को आधार मानते हैं।

देश में दो राज्यों की पुलिस आमने-सामने हो जाए, सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के बीच विवाद हो जाए और एक राज्य की पुलिस को अपने प्राण गंवाने पड़े ऐसी घटना शायद ही हुई हो। परंतु, यह हुआ और इसमें अब मिजोरम के छह वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध असम ने एफआईआर दर्ज किया है और उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा है, इसका प्रत्युत्तर मिजोरम ने भी दिया और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के अलावा आईजी, डीआईजी, उपायुक्त समेत छह अधिकारियों के विरुद्ध वैरेंगते पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की है। इन्हें 1 अगस्त को पुलिस थाने में हाजिर रहने के लिए समन भी भेजा गया है।

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यह है इतिहास

असम 1950 में भारत में सम्मिलित हुआ, उस समय असम में नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम भी आते थे। नॉर्थ ईस्ट एरिया एक्ट (रिऑर्गेनाइजेशन) 1971 के अंतर्गत असम से तीन नए राज्यों का गठन हुआ। जिसमें मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा हैं। 1972 में असम के एक हिस्से में से मिजोरम को केंद्र शासित राज्य बनाया गया। जो मिजो पीस एकॉर्ड के अंतर्गत 1987 में भारत का 23वां राज्य बना

असम से मिजोरम को अलग करने के लिए 1933 में अंग्रेजों द्वारा किये गए सीमांकन को आधार माना गया। जबकि मिजो ट्राइब्स 1875 के आईएलआर सीमांकन को मानते हैं। इसने समय बीतने के साथ ही एक विवाद का रूप ले लिया।

ऐसा है विवाद

1875 में नोटिफिकेशन बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन (बीईएफआर) एक्ट आया। इसमें मिजो समुदाय के लोगों से तत्कालीन अंग्रेजों ने सलाह ली थी। इसके बाद 1933 में दूसरा नोटिफिकेशन आया, जिसमें मिजो ट्राइब्स के लोगों से सलाह नहीं ली गई थी। इसलिए असम जहां 1933 के नोटिफिकेशन को मान्यता देता है वहीं, मिजोरम 1875 के नोटिफिकेशन को मान्यता देता है।

असम सरकार ने विधान सभा में सूचित किया था कि, मिजोरम ने बराक घाटी क्षेत्र में उसके तीन जिलों की 1777.58 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा था। इसमें हैलाकांदी जिले की सबसे अधिक भूमि है। जबकि, मिजोरम का आरोप है कि असम उसकी भूमि पर अपना दावा कर रहा है। जिन गांवों की बात हो रही है वहां सौ वर्षों से मिजो ट्राइब्स रहते हैं।

असम और मिजोरम की सीमा बांग्लादेश से लगती है। अतीतकाल से ही बांग्लादेशी मुसलमान अवैध रूप से असम में प्रवेश करते रहे हैं। इन लोगों नें असम और मिजोरम की सीमा पर अपनी बस्तियां बना ली हैं। इनको मिजो ट्राइब्स जमीन कब्जानेवाला मानते हैं। इसका एक कारण ये भी है कि बीते कुछ समय से इन क्षेत्रों में हिंदुओं की संख्या के मुकाबले मुस्लिम बहुत तेजी से बढ़े हैं।

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