इतनी जल्दी भी क्या थी ‘शशि थरूर’ जी?

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का व्यक्तित्व हंसमुख और शैली मृदु रही है। लोकसभा अध्यक्ष के कार्यकाल में सभी दलों के सांसद ताई का पूर्णरूप से सम्मान करते थे। कई बार तो नई पीढ़ी के सांसदों की ताई संसद में क्लास भी ले लेती थीं। जिसे सहर्ष स्वीकार करके पूरी संसद खिलखिला पड़ती थी।

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रात लगभग 11.16 बजे थे, अचानक एक ट्वीट सामने आया और पूरा समाचार जगत उसकी पुष्टि पर लग गया। इसमें से कुछ भाई लोगों ने तो ट्वीटकर्ता का नाम लिखकर ही लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष के निधन की खबरें प्रसारित कर दीं। देखते ही देखते यह खबर ट्रेंड करने लगी तो इधर से महाराष्ट्र वाली ताई ने भी जल्दबाजी में अपनी संवेदना प्रकट कर दी।

कैसा समय आ गया है, अच्छे समाचारों के लिए आजकल पीआर कंपनियां लगाई जाती हैं। लेकिन, बुरी खबरों के प्रवक्ता कई बन जाते हैं। इसमें स्थिति तब और बिगड़ जाती है जब इसके संवाहक बनने वालों की होड़ शुरू हो जाती है। ऐसा ही हुआ लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के विषय में, जब रात 11.16 बजे केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में सुमित्रा ताई के निधन की खबर साझा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर दी।

इसके बाद ट्वीटर पर उन्हें फॉलो करनेवाले और चट्टे-बट्टे इस समाचार को ले उड़े मानो सुमित्रा ताई ने ही उनका लोकसभा टिकट कटवाया हो। शशि थरूर के हवाले से समाचार चला दिया गया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने भी शशि थरूर की परिपाटी को अपनाया और आनन-फानन में श्रद्धांजलि अर्पित कर दी। वैसे सुप्रिया ताई की गलती नहीं है उनकी पीआर कंपनी ने लोचा किया होगा। वर्ना इतनी रात गए और हमारी ताई ऐसा करें… छी…छी संभव ही नहीं है।

इस खबर के पहुंचने पर हम भी सकपकाए की इतनी बड़ी खबर पर विपक्ष ही बोल रहा है। जबकि सोशल मीडिया इंजीनयरिंग की पाठशाला ही शुरू होती है भारतीय जनता पार्टी से। भाजपा इस मुद्दे पर एकदम चुप्पी साधे बैठी रही। अंततोगत्वा मध्य प्रदेश के फायर ब्रांड लीडर कैलाश विजयवर्गीय ने इस भ्रमजाल को तोड़ा। उन्होंने ट्वीट किया कि सुमित्रा ताई एक दम स्वस्थ्य हैं। इस ट्वीट में उन्होंने शशि थरूर को टैग कर दिया।

इसके बाद शशि थरूर ने भी अपना ट्वीट सुधारते हुए ऐसे लिखा जैसे उस ट्वीट को उन्होंने नहीं बल्कि किसी और ने किया हो।

बहरहाल, ताई के विषय में जो जानकारी मिली वो ये कि वे इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में कोरोना निगेटिव थीं। सुमित्रा ताई संसदीय परंपरा की एक महत्वपूर्ण अंग रही हैं। वे 1989 से लगातार 2019 तक इंदौर संसदीय सीट से सांसद रही हैं। इसके अलावा वे 2014 में लोकसभा अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालनेवाली मीरा कुमार के पश्चात दूसरी महिला बनीं। आठ बार जीतकर संसद पहुंचनेवाली वे एक मात्र महिला सांसद हैं।

महाराष्ट्र से हैं ताई
सुमित्रा ताई का जन्म महाराष्ट्र के चिपलून में हुआ। उनके पिता का नाम पुरुषोत्तम नीलकंठ साठे है। उनका विवाह अधिवक्ता जयंत महाजन से हुआ और वे इंदौर स्थानांतरित हुई तो वहीं की होकर रह गईं।

राजनीतिक कार्यकाल

  • 1982-85 :- पार्षद, नगर निगम, इंदौर
  • 1984-85 :- उप-महापौर, नगर निगम, इंदौर
  • 1989 :- नौवीं लोक सभा के लिए निर्वाचित
  • 1990-91 :- सदस्य, परामर्शदात्री समिति, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, अध्यक्ष, महिला मोर्चा, भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.), मध्य प्रदेश
  • 1991 :- दसवीं लोक सभा के लिए पुनः निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल)
  • 1990-91 :- सदस्य, 73वां संविधान संशोधन विधेयक संबंधी संयुक्त समिति
  • 1990-93 :- सदस्य, प्रसव-पूर्व निदान तकनीक (विनियम और दुरुपयोग निवारण) विधेयक, 1991 संबंधी संयुक्त समिति
  • 1991-96 :- सदस्य, परामर्शदात्री समिति, संचार मंत्रालय
  • 1992-94 :- उपाध्यक्ष, भाजपा, मध्य प्रदेश
  • 1995-96 :- सचिव, भा.ज.पा. संसदीय बोर्ड, अध्यक्ष, संसदीय बोर्ड, मध्य प्रदेश
  • 1996 :- ग्यारहवीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित (तीसरा कार्यकाल)
  • 1998 :- बारहवीं लोक सभा के लिए पुनः निर्वाचित (चौथा कार्यकाल)
  • 1998-99 :- संयोजक, औषध नियंत्रण संबंधी उप-समिति, मानव संसाधन विकास संबंधी समिति
  • 1999 :- तेरहवीं लोक सभा के लिए पुनःनिर्वाचित (पांचवां कार्यकाल)
  • अक्तूबर, 1999 – जून, 2002 :- केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री
  • जुलाई, 2002 – मई, 2003 :- केन्द्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री
  • 24 मई, 2003 – मई, 2004 :- केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री
  • 2004 :- चौदहवीं लोक सभा के लिए पुनःनिर्वाचित (छठा कार्यकाल)
  • 2004-09 :- सदस्य, सामान्य प्रयोजनों संबंधी समिति सभापति, सामाजिक न्याय और अधिकारिता संबंधी समिति
  • 2009 :- पन्द्रहवीं लोक सभा के लिए पुनः निर्वाचित (सातवां कार्यकाल)
  • जून, 2009 :- सदस्य, सभापति तालिका
  • 31 अगस्त, 2009 – 18 मई 2014 :- सभापति, ग्रामीण विकास संबंधी स्‍थायी समिति
  • 23 सितम्बर, 2009 – 18 मई 2014 :- सदस्य, महिलाओं को शक्तियाँ प्रदान करने संबंधी समिति
  • 18 मई 2014 :- 16वीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित (आठवाँ कार्यकाल)
  • 6 जून 2014 :- 16वीं लोक सभा के लिए अध्यक्ष निर्वाचित।
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