जानिये, केरल में विजयन कैसे परंपरा को तोड़कर दूसरी बार बने कैप्टन!

केरल के मतदाताओं ने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को फिर से प्रदेश की कमान सौंप दी है। एलडीएफ सरकार की वापसी के पीछे खुद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन हैं।

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केरल में वर्षों से हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा रही थी, लेकिन इस बार वह परंपरा टूट गई है। केरल के मतदाताओं ने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को फिर से प्रदेश की कमान सौंप दी है। एलडीएफ सरकार की वापसी के पीछे खुद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन हैं।

शानदार जीत दर्ज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विजयन ने पिछले कुछ वर्षों से मजबूती और सूझबूझ के साथ एलडीएफ का नेतृत्व किया है। प्राकृतिक आपदाएं हों या कोरोना वायरस का प्रकोप, उन्होंने बहुत ही उत्तम प्रबंधन का परिचय देकर जनता का दिल जीत लिया।

राजनैतिक सूझबूझ का दिया परिचय
विजयन ने पार्टी प्रशासन में भी बड़ी ही रजनैतिक सूझबूझ से परिवर्तन किए। इस कारण सीपीएम अब पुराने नेताओं की पार्टी नहीं रह गई है। उन्होंने पार्टी के विस्तार को लेकर अलग रणनीति अपनाई और इसमें वे काफी हद तक सफल रहे।

इस तरह बदली पार्टी की छवि
विजयन ने सीपीएम की पार्टी की छवि को उस समय बदला, जब केरल में राजनीति अहम मोड़ पर थी। इसी कड़ी में उन्होंंने मुस्लिम, ईसाईयों को भी बड़े स्तर पर पार्टी से जोड़ा। इस ममाले में विजयन और पीएम नरेंद्र मोदी में कई समानताएं देखी जाती हैं। इसलिए उन्हें धोतीवाला मोदी के नाम से पुकारा जाता है।

बाजार और अर्थव्यवस्था से राज्य को जोड़ा
पिछले कार्यकाल में पिनराई विजयन ने बाजार और अर्थव्यवस्था के साथ केरल के संबंध मजबूत करने की पूरी कोशिश की और इसमें वे काफी हद तक सफल भी हुए। उन्होंने पार्टी फंड के लिए तेजी से चीन की शैली पकड़ी और समाजवादी- बाजारवादी अर्थव्यव्यवस्था की तर्ज पर अपनी पार्टी को मजबूती प्रदान कर उसे आगे बढ़ाया।

सामाजिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान
स्वास्थ्य, मूलभूतल ढांचे और सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान देने के कारण उन्हें काफी लोकप्रियता मिली। विजयन की सख्त सीएम की छवि के कारण अधिकारी और राजनेता उनके सामने मुंह खोलने से डरते हैं।

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खुद को साबित किया सक्षम प्रशासक
विजयन ने कई अवसरों पर जनता की नजर में खुद को सक्षम प्रशासक साबित किया है। शुरू में जो लोग उनमें सीएम की बजाय पार्टी सचिव जैसा बर्ताव देख रहे थे, वहीं अब उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। विशेष रुप से विजयन के आपदा प्रबंधन के बाद लोग उन्हें कैप्टन के नाम से बुलाने लगे।

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पार्टी को दिया विस्तार
पिछले कुछ वर्षों में सीएम विजयन ने पार्टी विस्तार पर पूरा ध्यान दिया और शासन व्यवस्था को अपने हाथ में ले लिया। उनकी इस शैली के कारण लोग उन्हें धोतीवाला मोदी और केरल का स्टालिन के रुप कहकर बुलाते हैं।

एलडीएफ को मिली 94 सीटों पर जीत
बता दें कि इस बार एलडीएएफ को 94 सीटों पर जीत मिली है, जबकि कांग्रेस को गठबंधन को 40 और अन्य को 6 सीटें प्राप्त हुई हैं। भारतीय जनता पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया है।

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