प्रधानमंत्री का परिवारवाद पर हल्लाबोल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने बनाई दूरी

तेलंगाना राज्य समिति के नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव विपक्षी दलों के साथ निरंतर संपर्क में हैं। सूत्रों के अनुसार तेलंगाना के गठन से ही सत्ता संभाल रहे केसीआर को अब भाजपा के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए विपक्षी एकता का साथ बड़ा सहारा बन सकता है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तेलंगाना के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री के आगमन पर राज्य के मुख्यमंत्री को स्वागत के लिए जाना परंपरा रही है, परंतु चार माह में दूसरी बार प्रधानमंत्री के तेलंगाना दौरे में मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) उपस्थित नहीं हुए। इससे भारतीय जनता पार्टी और केसीआर के दल तेलंगाना राज्य समिति (टीआरएस) के बीच मनभेद बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री ने भी टीआरएस को घेरने से नहीं छोड़ा, उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश से पृथक तेलंगाना का गठन इसलिए नहीं हुआ था कि, एक परिवार राज्य के विकास के सपनों को लगातार कुचलता रहे।

परिवारवाद कुचल रहा विकास
हैदराबाद में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, दशकों तक चले तेलंगाना आंदोलन में हजारों लोगों ने अपना बलिदान दिया था। ये बलिदान तेलंगाना के भविष्य के लिए था। ये बलिदान, तेलंगाना की आन-बान-शान के लिए था। उन्होंने तेलंगाना की केसीआर सरकार पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि तेलंगाना आंदोलन इसलिए नहीं चला था कि कोई एक परिवार तेलंगाना के विकास के सपनों को लगातार कुचलता रहे। उन्होंने कहा कि परिवारवाद की वजह से देश के युवाओं को, देश की प्रतिभाओं को राजनीति में आने का अवसर भी नहीं मिलता। परिवारवाद उनके हर सपनों को कुचलता है, उनके लिए हर दरवाजा बंद करता है।

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परिवारवादियों को सत्ता से हटाने का आह्वान
प्रधानमंत्री ने परिवारवादी पार्टियों पर हमला जारी रखते हुए कहा कि आज 21वीं सदी के भारत के लिए परिवारवाद से मुक्ति, परिवारवादी पार्टियों से मुक्ति एक संकल्प भी है। तेलंगाना के लोग देख रहे हैं कि एक परिवार को समर्पित पार्टियां जब सत्ता में आती हैं, तो कैसे उस परिवार के सदस्य भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा चेहरा बन जाते हैं। तेलंगाना के लोग देख रहे हैं कि परिवारवादी पार्टियां सिर्फ अपना विकास करती हैं, अपने परिवार के लोगों की तिजोरियां भरती हैं। उन्होंने कहा जिस-जिस राज्य से परिवारवादी पार्टियां हटी हैं, वहां वहां विकास के रास्ते भी खुले हैं। अब इस अभियान को आगे बढ़ने की जिम्मेदारी तेलंगाना की जनता की है। उन्होंने कहा कि आज के इस युग में भी जो लोग अंधविश्वास के गुलाम बने हुए हैं, वो अपने अंधविश्वास में किसी का भी नुकसान कर सकते हैं। ये अंधविश्वासी लोग तेलंगाना के सामर्थ्य के साथ कभी न्याय नहीं कर सकते।

प्रधानमंत्री से दूरी
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव पिछले चार महीने में दूसरी बार प्रधानमंत्री के आगमन पर स्वागत के लिए उपस्थिति नहीं रहे। इसके पहले स्वास्थ्य कारण बताकर उन्होंने सरकार के मंत्री तलासनी श्रीकुमार यादव को हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए भेजा था। गुरुवार को भी यही हुआ, केसीआर बंगलुरू में पार्टी नेताओं की बैठक में निकले गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार बंगलुरू में केसीआर पार्टी नेताओं से आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए रणनीति और जनता दल (सेक्युलर) के साथ गठबंधन को लेकर संभावना पर चर्चा करेंगे।

विपक्षी नेताओं से बढ़े मेल मिलाप
मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव का वर्तमान समय में विपक्ष के मुख्यमंत्रियों से मेल मिलाप अधिक है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भेंट और चर्चाएं चल रही हैं, इसी के साथ आगामी काल में महाराष्ट्र का भी दौरा संभावित है। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा विरोधी पार्टियों द्वारा शासित राज्य के मुख्यमंत्री एक गठबंधन बनाकर लड़ने की रणनीति बना रहे है।

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