इसलिए कर्नाटक में मंत्री को टीका… सरकार को दर्द!

राज्य में कोविड-19 के टीकाकरण में वीआईपी संस्कृति का आगमन हो चुका है। सूबे के मंत्री ने इसकी शुरुआत कर दी है।

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इसे मंत्री जी का राजसी ठाट ही कहा जाएगा कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए अस्पताल को घर पर बुला लिया। उन्होंने घर पर कोविड-19 वैक्सीन लगवाया और इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। जब इस बारे में पूछा गया तो ऐसा उत्तर दिया जिसे सुनकर अब मंत्री और उनकी पार्टी पर टिप्पणियां होने लगी हैं। जिसका दर्द राज्य सरकार को परेशान करने लगा है।

कर्नाटक सरकार में मंत्री बीसी पाटील ने कोविड-19 का टीका लगवाया है। इसके लिये मंत्री ने बेंगलुरु से 336 किलोमीटर दूर हीरेकुरुर में स्थित अपने घर पर अस्पताल के टीकाकरण कर्मियों को बुला लिया था। इसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद टिप्पणियां शुरू हो गई हैं।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
इस मुद्दे के तूल पकड़ने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकार से इसकी रिपोर्ट मंगवाई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश भूषण ने बताया कि यह प्रोटोकॉल के विरुद्ध है। ऐसी अनुमति नहीं है। इस बारे में राज्य सरकार से रिपोर्ट मंगाई गई है।

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बोले मंत्री उदाहरण स्थापित कर रहा हूं
इस विषय के तूल पकड़ने के बाद बीसी पाटील ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मेरे अस्पताल जाने से टीकाकरण की प्रक्रिया प्रभावित होती। इसलिए अस्पताल के कर्मियों को घर पर बुलवाकर टीका लगवाया है। यहां घर पर लोग मिलने आते हैं। उनके कार्यों को करते हुए ये टीका लगवाया है। ये एक उदाहरण है जनता के कार्यों के प्रति जिम्मेदारी को लेकर।

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