येदियुरप्पा के बाद कर्नाटक में किसकी कुर्सी? पढ़ें वो नाम जो चर्चा में हैं

कर्नाटक में एक बार फिर राजनीतिक उठापटक का काल शुरू हो गया है। इसे भाजपा कैसे स्थिरता प्रदान करेगी अब सबसे अधिक लक्ष्य इसी पर केंद्रित है।

137

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। इसके बाद अब मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। राज्य में मुख्यमंत्री पद पर कौन आसीन होगा इस निर्णय के पहले राज्य के सामाजिक तानेबाने को भी संभालना होगा जो प्रबल लिंगायत समर्थनवाली भाजपा के लिए कठिन हो सकता है।

राज्य की राजनीति में लिंगायत समाज, वोक्कालिगा और ब्राम्हण समाज का वर्चस्व है। बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समाज से हैं, उनके मुख्यमंत्री पद से हटने की जब चर्चा हो रही थी, उस समय लिंगायत मठों के गुरुओं ने भाजपा से विरोध भी व्यक्त किया था इसलिए अब इस विषय में निर्णय लेने के पहले भाजपा को फूंक-फूंककर कदम उठाना पड़ेगा।

ये भी पढ़ें – भाजपा का मन से गठबंधन होगा या नहीं? जानें, क्या कहा फडणवीस ने

ये हैं संभावित चेहरे
बीएल संतोष – भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष का नाम मुख्यमंत्री पद के संभावित नामों में घूम रहा है। वे केंद्रीय नेतृत्व के नजदीकी हैं, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्णकालिक स्वयंसेवक हैं। ये उडुपी के ब्राम्हण समाज से आते हैं।

सीटी रवि – भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और बीएस येदियुरप्पा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वोक्कालिगा समाज से आते हैं। इसके अलावा सीटी रवि चार बार से चिक्कमगलूर से विधायक हैं, प्रखर हिंदुत्व के लिए जाने जाते हैं। यदि वोक्कालिगा समाज का मुख्यमंत्री बनाने की बात होती है तो सीटी रवि एक अच्छे पर्याय हो सकते हैं।

बासवराज बोम्मई – राज्य के गृहमंत्री बासवराज बोम्मई कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नजदीकी हैं। वे लिंगायत समाज से आते हैं। वे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई के पुत्र हैं और जब येदियुरप्पा के स्थान पर किसी अन्य को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देने की बात हो रही थी तभी से उनका नाम सबसे आगे चल रहा है।

अरविंद बल्लाड – ये भाजपा और आरएसएस के नेता चंद्रकांद बल्लाड के पुत्र हैं और पिछले दो बार से विधायक हैं। ये पंचमसाली लिंगायत समाज से आते हैं, जिस समाज का राज्य में आधिपत्य है। फोन टेपिंग के आरोप भी कुछ दिन पहले ही लगा चुके हैं, परंतु उसकी जांच में कुछ नहीं निकला है। अरविंद बल्लाड आरएसएस के शीर्ष नेताओं से अच्छे संबंधों के लिए जाने जाते हैं।

प्रहलाद जोशी – धारवाड से चार बार सांसद रहे प्रहलाद जोशी ब्राम्हण समाज से आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी विश्वसनीय लोगों में गिने जाते हैं। जोशी को अच्छा प्रशासक माना जाता है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.