पद से हटाए गए इमरान खान, अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर नजर

पाकिस्तान में राजनीतिक संकट का नया इतिहास लिखा जा रहा है। पूरे दिन राजनीतिक उठापटक, विरोध प्रदर्शन और तमाम दाव पेंच के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान को पद से हटना पड़ा है।

129

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में राजनीतिक संकट का नया इतिहास लिखा जा रहा है। 3 अप्रैल को घटनाक्रम चौंकाने वाला रहा। पूरे दिन राजनीतिक उठापटक, विरोध प्रदर्शन और तमाम रणनीति दाव पेंच के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान को पद से हटना पड़ा। पाकिस्तान कैबिनेट सचिवालय ने इस बार एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें पद से हटाया है।

ये भी पढ़ें – “अबकी बार सबके बीच मिल-जुलकर ऐसा बसना है ताकि…!” कश्मीरी हिन्दुओं की संकल्पपूर्ति पर बोले संघ प्रमुख

नेशनल असेंबली को किया गया भंग
इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने भी इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में खारिज किया था। इससे इमरान खान सत्ता से बेदखल होने से बाल-बाल बच गए थे। लेकिन कैबिनेट सचिवालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर इमरान को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया है। अब इस मामले में सबकी नजर सर्वोच्च न्यायालय में आने वाले फैसले पर है।

जनता से चुनाव की तैयारी करने का आह्वान
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अपनी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के तुरंत बाद इमरान खान ने देश को संबोधित करना शुरू किया। इमरान ने पाकिस्तानी जनता से चुनाव की तैयारी करने का आह्वान करते हुए कहा कि देश का फैसला आप करेंगे। उधर, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) नेता मरियम नवाज शरीफ ने कहा है कि इमरान खान पर अनुच्छेद 6 के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के संविधान पर हमला करके उसे निरस्त किया।

संसद पर विपक्ष का कब्जा
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद विपक्षी नेताओं ने उग्र रूप धारण कर लिया और संसद में ही डेरा जमाए रहे। करीब 6 हजार सिक्युरिटी जवान संसद की सुरक्षा के लिए वहां मौजूद थे। इधर, शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर हमला बोलते हुए कहा कि खान ने देश को विभाजित करने और देश को गृहयुद्ध की ओर धकेलने का काम किया है। नेशनल असेंबली पर विपक्ष ने कब्जा कर लिया है। विपक्ष ने अयाज सादिक को स्पीकर बनाकर बना दिया।

सेना का बयान
पाकिस्तान की सेना ने सियासी हलचल पर अपना पहला बयान जारी करके इस राजनीतिक घटनाक्रम से खुद को दूर बताया है। सेना ने बयान में कहा कि जो कुछ हुआ, वह राजनीतिक प्रतिक्रिया थी, जिससे सेना का कोई लेना-देना नहीं है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.