Operation Sindoor: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 मई को पंजाब के आदमपुर स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसेना और अन्य बलों के जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सदैव शांति के पक्ष में है, लेकिन आक्रमण होने पर वह शत्रु को धूल चटाने के लिए भी सदैव तैयार है।
तीनों सेनाओं के आपसी समन्वय को सफलता का श्रेय
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय तीनों सेनाओं के आपसी समन्वय को देते हुए कहा कि आप सभी ने वाकई कोटि-कोटि भारतीयों का सीना चौड़ा कर दिया है। हर भारतीय का माथा गर्व से ऊंचा कर दिया है। आपने इतिहास रच दिया है। ऑपरेशन सिंदूर कोई सामान्य सैन्य अभियान नहीं है। ये भारत की नीति, नीयत और निर्णायक क्षमता की त्रिवेणी है।
ऑपरेशन सिंदूर में मशीनों का समन्वय भी शानदार
उन्होंने कहा, “मैनपावर के साथ-साथ ऑपरेशन सिंदूर में मशीनों का समन्वय भी शानदार था। चाहे वो भारत का पारंपरिक एयर डिफेंस सिस्टम हो जिसने अनेक युद्ध देखे हैं या फिर आकाश जैसे हमारे मेड इन इंडिया प्लेटफॉर्म्स हों- इन सभी को एस-400 जैसी आधुनिक और सक्षम डिफेंस सिस्टम ने अभूतपूर्व ताकत दी है। एक मजबूत रक्षा कवच भारत की पहचान बन गया है। पाकिस्तान की तमाम कोशिशों के बावजूद, चाहे वो हमारे एयरबेस हों या दूसरे डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर- इन पर कोई असर नहीं पड़ा। इसका श्रेय आप सभी को जाता है। मुझे आप सभी पर गर्व है।”
आपकी अभूतपूर्व क्षमता का प्रमाण
उन्होंने कहा कि आज भारत की तीनों सेनाएं– थलसेना, नौसेना और वायुसेना– अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित हैं। उन्होंने कहा, “हम केवल हथियारों से नहीं, अब ड्रोन और डेटा से भी लड़ाई लड़ते हैं। आप सभी ने जटिल प्रणालियों को बेहद दक्षता से संचालित किया है, यह आपकी अभूतपूर्व क्षमता का प्रमाण है।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ बना युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दी है। हर क्षण, हर फैसला हमारी सेनाओं के शौर्य और कौशल की मिसाल है। यह सिद्ध करता है कि भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना किसी भी चुनौती का मुकाबला करने में सक्षम हैं। प्रधानमंत्री ने इसे ‘मानव शक्ति और मशीन शक्ति’ के तालमेल का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
हम घर में घुसकर मारेंगे
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “उन्होंने कायरों की तरह वार किया, लेकिन भूल गए कि सामने ‘हिंद की सेना’ खड़ी है। नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया, 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।” उन्होंने कहा कि भारत अब स्पष्ट संदेश देता है– “हम आतंक के गॉडफादर्स और प्रायोजकों में कोई भेद नहीं करते। किसी भी हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा।”
न्यूक्लियर ब्लैकमेल का किया मुकाबला
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमारी सेनाओं ने दुश्मन के परमाणु ब्लैकमेल की धमकी को निष्फल किया तब ‘भारत माता की जय’ का जयघोष आसमान से धरती तक गूंज उठा। उन्होंने कहा, “जब हमारे ड्रोन दुश्मन की किलाबंदियों को तोड़ते हैं और मिसाइलें सटीकता से हमला करती हैं, तब दुश्मन के कानों में सिर्फ एक आवाज गूंजती है – भारत माता की जय।”
उन्होंने गुरुगोबिंद सिंह का उद्धरण देते हुए कहा कि सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियों सों मैं बाज तड़ऊं तबे गोबिंदसिंह नाम कहाऊं – यह हमारी परंपरा है, जब बहनों-बेटियों का सिंदूर छीना गया, तो हमारे जवान आतंकियों के घर में घुसकर उन्हें कुचलने गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब पाकिस्तान की सेना और आतंकवादी यह समझ चुके हैं कि भारत से टकराने का परिणाम ‘विनाश’ और ‘महाविनाश’ ही है। उन्होंने कहा, “हमने उन्हें उनकी औकात दिखा दी है। हमारे ड्रोन और मिसाइलें अब उन्हें चैन से सोने नहीं देंगी।”
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‘भारत माता की जय’ केवल नारा नहीं, सैनिकों की शपथ है
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने सैनिकों को नमन करते हुए कहा, “मैं यहां आपकी वीरता को नमन करने आया हूं। ‘भारत माता की जय’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि हर भारतीय सैनिक की उस शपथ का प्रतीक है, जिसमें वे देश के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं।”