कांग्रेस राज में राजस्थान के टोंक में हिंदू समुदाय के लोग डर-डरकर जीने को मजबूर!

मालपुरा के एसडीएम राकेश कुमार मीणा को दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि मालपुरा में 1952 से अब तक सांप्रदायिक तनाव के कारण लगभग 800 परिवारों अपने घर बेचकर इलाके को छोड़ चुके हैं।

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देश के कई क्षेत्रों में अल्पसंख्यक अब बहुसंख्यक बन गए हैं। इनमें से कई इलाकों में उनके अत्याचार और अन्याय की खबरें बीच-बीच में सुर्खियों में रहती हैं। मुंबई के मलाड मालवणी के हिंदुओं ने भी इस तरह के आरोप लगाए हैं। इस बीच राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा शहर में भी इसी तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। यहां के हिंदू समुदाय के सैकड़ों परिवारों ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपना घर छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है।

राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा शहर के हिंदुओं में मुसलमानों का आतंक व्याप्त है। अल्पसंख्यकों के अत्याचार और अन्याय से उनका जीना दूभर हो गया है। वे हमेशा दहशत में जीने को मजबूर हैं।

सीएम और पीएम से सुरक्षा की गुहार
इस शहर के वार्ड 12 और 21 के निवासियों ने अपने-अपने घरों के बाहर अपनी चिंता को लेकर बोर्ड लगाए हैं। पोस्टरों पर लिखा गया है कि उन्हें मुसलमानों से डर लगता है। उन्हें उनसे खतरा महसूस हो रहा है। इसके साथ ही परिवारों ने मालपुरा एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन देकर अपनी सुरक्षा की भी मांग की है। टोंक कस्बे के वार्ड 12 और 13 के निवासियों ने इसके लिए विरोध मार्च निकाला और न्याय की मांग की। बाद में उन्होंने एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राजस्तान के सीएम अशोक गहलोत से सुरक्षा की मांग की।

800 परिवारों का पलायन
मालपुरा के एसडीएम राकेश कुमार मीणा को दिए गए ज्ञापन में बताया गया है कि मालपुरा में 1952 से अब तक सांप्रदायिक तनाव के कारण लगभग 800 परिवारों अपने घर बेचकर इलाके को छोड़ चुके हैं।

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भाजपा की मांग
राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से टोंक जिले के मालपुरा में हिंदू परिवारों की मांग को गंभीरता से लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस इलाके में कई बार दंगे हो चुके हैं और हिंदू धर्म के लोग मुसलमानों के आतंक से डर-डरकर जीने को मजबूर हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

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