प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद इमरान क्यों बन गए भारत भक्त?

अब सत्ता जाने के बाद इमरान के सुर बदल गए हैं। 21  को लाहौर में आयोजित रैली में समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की विदेश नीति अपने लोगों की भलाई की बजाए दूसरों की भलाई का काम करती है।

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री रहते हुए तो हमेशा भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे, हर मंच से कश्मीर राग अलापते रहे लेकिन अब पद से हटने के बाद भारत के गुण गा रहे हैं। 21 अप्रैल की रात लाहौर में आयोजित एक रैली में इमरान ने भारत की विदेश नीति की जमकर तारीफ की और कहा कि भारत अपने लोगों की भलाई के लिए नीतियां बनाता है।

इमरान खान को हाल ही में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया था। नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव से जूझते हुए भी इमरान ने भारत की जमकर प्रशंसा की थी। उन्होंने भारत को खुद्दार कौम कहा था। तब तत्कालीन विपक्षी, अब सत्तारूढ़ दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की नेता मरियम नवाज ने यहां तक कह दिया था कि यदि इमरान को भारत इतना ही पसंद है तो वे वहीं क्यों नहीं चले जाते।

मुक्त कंठ से की भारत की प्रशंसा
अब सत्ता जाने के बाद इमरान के सुर बदल गए हैं। 21  को लाहौर में आयोजित रैली में समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की विदेश नीति अपने लोगों की भलाई की बजाए दूसरों की भलाई का काम करती है। इसके विपरीत भारत के फैसले अपनी जनता की भलाई पर आधारित होते हैं। उन्होंने कहा कि वह भारत की प्रशंसा, उस देश की स्वतंत्र विदेश नीति के कारण करते हैं। आज भारत स्वयं को तटस्थ भी कहता है किन्तु क्वाड में रह कर अमेरिकी गठबंधन का हिस्सा भी है। वह पाबंदी के बावजूद रूस से तेल आयात कर रहा है, क्योंकि इसमें भारत को अपने देशवासियों की भलाई दिखती है। इमरान ने कहा कि वह पाकिस्तान को भी एक स्वतंत्र विदेश नीति के रास्ते पर ले जा रहे थे किन्तु अंतरराष्ट्रीय ताकतों ने इसे पसंद नहीं किया और उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा।

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