राज्य में विधान सभा सीटों का नए सिरे से परिसीमन हुआ है, जिसमें जम्मू के राजौरी और पुंछ को दक्षिण कश्मीर से जोड़ दिया गया है। इसे लेकर इक्कजुट्ट जम्मू के अध्यक्ष अंकुर शर्मा ने तीव्र विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि, इस कदम से आतंक की शरणस्थली दक्षिण कश्मीर के हाथ यह क्षेत्र भी चला गया जो पाकिस्तान की सीमा से लगे हुए हैं। यह राज्य में आतंकवादी कॉरिडोर हो जाएगा।
अंकुर शर्मा लंबे काल से केंद्र सरकार द्वारा घोषित परिसीमन आयोग की तथ्यपरकता पर ही प्रश्न उठाते रहे हैं। उनका पक्ष है कि, परिसीमन आयोग ने इस प्रक्रिया में वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ो के अनुसार निर्णय लिया है, जिसकी तथ्यपरकता संदेहास्पद रही है। इस पर भारतीय जनता पार्टी भी प्रश्न खड़ा कर चुकी है। लेकिन, उसी को नींव मानकर परिसीमन आयोग ने विधान सभा सीटों का पुनर्गठन किया है। जबकि वह जनगणना अलगाववादियों के लिए हितकारी, देश विरोधी और फर्जी आधारों पर की गई थी।
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South Kashmir (Hot Bed of Terrorism) earlier didn’t share any physical boundary with Pakistan.
Delimitation Commission clubbed Jammu’s Rajouri/Poonch with South Kashmir & created a South Kashmir controlled Political Domain now physically connected to Pakistan.
Pakistan is happy
— Ankur Sharma (@AnkurSharma_Adv) May 6, 2022
दक्षिण कश्मीर से पाकिस्तान खुश
दक्षिण कश्मीर आतंक का गढ़ माना जाता है। यहीं से बुरहान वानी जैसे आतंकी पनपे थे। बतौर अंकुर शर्मा, दक्षिण कश्मीर को परिसीमन आयोग द्वारा दक्षिण कश्मीर को जम्मू के राजौरी और पुंछ से जोड़ दिये जाने के कारण यह अब आतंकियों के लिए नया कॉरिडोर बन सकता है। उनका दावा है कि, इस निर्णय से पाकिस्तान अधिक खुश है।
तो जम्मू को मिलती 50 से अधिक सीटें
इक्कजुट्ट जम्मू प्रारंभ से ही कहती रही है कि, वर्ष 2011 की जनगणना फर्जी थी। यदि 2021 की जनगणना को आधार मानकर परिसीमन आयोग निर्णय करता तो जम्मू को 50 से अधिक विधान सभा की सीटें दी जातीं। लेकिन दिल्ली कश्मीर के हाथों में खेलकर जम्मू के अधिकारों पर प्रहार कर रही है।