इराक में श्रीलंका जैसा नजारा देखने को मिला है। यहां ईरान समर्थित राजनीतिक दलों द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का चयन करने के विरोध में सैकड़ों इराकी प्रदर्शनकारी 27 जुलाई को संसद में घुस गए। कुछ प्रदर्शनकारियों को मेजों पर चढ़ कर इराकी झंडे लहराते देखा गया। सबसे अच्छी बात यह रही कि उस समय कोई सांसद मौजूद नहीं था। इमारत के अंदर केवल सुरक्षाबल थे और वे प्रदर्शनकारियों को आसानी से अंदर जाने की अनुमति देते दिखाई दिए।
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इराकी शिया नेता मुक्तदा अल-सद्र के अनुयायी
इन प्रदर्शनकारियों में अधिकतर इराकी शिया नेता मुक्तदा अल-सद्र के अनुयायी थे। ये प्रदर्शनकारी पूर्व मंत्री और पूर्व प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद शिया अल-सुदानी की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे थे। मोहम्मद शिया अल-सुदानी को इरान समर्थक नेता माना जाता है। संसद में बवाल बढ़ता देख प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने प्रदर्शनकारियों को ग्रीन जोन से तुरंत वापस जाने की चेतावनी दी। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि सुरक्षाबल देश की संपत्ति की रक्षा, विदेशी मिशनों की सुरक्षा, और सुरक्षा व्यवस्था को बनाने के लिए स्वतंत्र ऐक्शन ले सकते हैं।
पार्टी ने जीती है 73 सीटें
उल्लेखनीय है कि मुक्तदा अल-सद्र के गुट ने इराक में अक्टूबर 2021 के चुनाव में 73 सीटें जीतीं थीं। इसी के 329 सीटों वाली इराकी संसद में यह गुट संख्याबल के मामले में सबसे बड़ा बन गया था। लेकिन वोट के बाद से, नई सरकार बनाने के लिए बातचीत रुक गई और अल-सद्र राजनीतिक प्रक्रिया से हट गए। अब वह अपनी पसंद के राजनेता को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं।