केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने 24 मई को अमृत महोत्सव पर प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) की। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन (Parliament Newly Constructed Building) को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। लगभग 60,000 श्रम योगियों ने रिकॉर्ड समय में इस नए ढांचे को बनाने में योगदान दिया है। इस मौके पर पीएम सभी श्रम योगियों को सम्मानित भी करेंगे।
PM Modi will dedicate the newly constructed building of Parliament to the nation on 28th May. A historical event is being revived on this occasion. The historic sceptre, 'Sengol', will be placed in new Parliament building. It was used on August 14, 1947, by PM Nehru when the… pic.twitter.com/NJnsdjNfrN
— ANI (@ANI) May 24, 2023
इस दौरान अमित शाह ने कहा, इस मौके पर एक ऐतिहासिक परंपरा को पुनर्जीवित किया जाएगा। इसके पीछे युगों-युगों से जुड़ी एक परंपरा है। इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है और इसका मतलब धन और ऐतिहासिक समृद्ध है। 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना घटी। 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है।
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इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका
उन्होंने कहा, सेंगोल ने हमारे इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बन गया। पीएम मोदी को जब इसकी जानकारी मिली तो गहनता से जांच की गई। फिर तय हुआ कि इसे देश के सामने रखा जाए। इसके लिए नए संसद भवन के उद्घाटन का दिन चुना गया।
विपक्ष एकजुट
वहीं, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है। अब इन दलों के साथ राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दाल भी आ गया है। विपक्षी दलों की ओर से कहा गया है कि 28 मई को होने वाले उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया जाएगा।
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